राजीव भमराल की कलम से

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वैसे तो हर जीव निर्जीव में परमात्मा का अंश होता है लेकिन जो तरंगे आपके अंदर स्पंदन करती हैं वैसे माहौल में यदि परमात्मा आपको ले जाये तो खुद को खुशकिस्मत समझना चाहिए। ज़नाब राजीव भमराल “तारा भा जी” से मेरी पहली मुलाकात सन 1999 में नगरोटा कैंट वाले रास्ते पर हुई थी जब मैं पैदल पैदल पहली बार जम्मू से कटरा की ओर चला था। एक दम अनजान शख्सियत से मुलाकात और फिर रात को मैं इनके पड़ाव के साथ नंदिनी एलिफैंट सेंचुरी में सड़क किनारे एक दुकान में रुक गया। तीन दिन के सफर में मैंने इनके अंदर …

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थार नेचुरल फ़ार्म 58 आर.बी. जिला गंगानगर राजस्थान

कल दोपहर जब मैंने अचानक बिना किसी कार्यक्रम के थार नेचुरल फ़ार्म (Thar Natural Farm) के प्रणेता सरदार नवरूप सिंह जी को फोन किया और बताया कि मैं आपके इलाके में हूँ तो मुझे जिस गर्मजोशी की उम्मीद थी उससे उलट बस एक ठंडी सी आवाज सुनाई दी आ जाओ। खैर जब मैं वहां पहुंचा तो सरदार नवरूप सिंह जी मिले तो मुझे मालूम चला कि बुखार में तप रहे हैं। लेकिन हमें आया देख उठ खड़े हुए और अपने बड़े भाई साहब सरदार नवदीप सिंह जी से बोले कि बच्चों को अंदर ले जाओ और पहले कढावणी जिसमें दूध …

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राम की शक्ति पूजा

राम की शक्ति पूजा रवि हुआ अस्त; ज्योति के पत्र पर लिखा अमररह गया राम-रावण का अपराजेय समरआज का तीक्ष्ण शर-विधृत-क्षिप्रकर, वेग-प्रखर,शतशेलसम्वरणशील, नील नभगर्ज्जित-स्वर,प्रतिपल – परिवर्तित – व्यूह – भेद कौशल समूहराक्षस – विरुद्ध प्रत्यूह,-क्रुद्ध – कपि विषम हूह,विच्छुरित वह्नि – राजीवनयन – हतलक्ष्य – बाण,लोहितलोचन – रावण मदमोचन – महीयान,राघव-लाघव – रावण – वारण – गत – युग्म – प्रहर,उद्धत – लंकापति मर्दित – कपि – दल-बल – विस्तर,अनिमेष – राम-विश्वजिद्दिव्य – शर – भंग – भाव,विद्धांग-बद्ध – कोदण्ड – मुष्टि – खर – रुधिर – स्राव,रावण – प्रहार – दुर्वार – विकल वानर – दल – बल,मुर्छित – …

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पंचायत मौसम सेवा

panchayat mausam sewa

बड़े हर्ष के साथ आपको सूचित कर रहा हूँ कि पिछले सात महीनों से हम पंचायत स्तर पर मौसम (Panchayat Mausam Sewa) की जानकारियां भेजने लायक व्यवस्था बनाने में जुटे थे और इसके लिए भारत मौसम विज्ञान विभाग और पंचायती राज मंत्रालय के साथ मिलकर www.greenalerts.in पोर्टल को विकसित किया जा रहा था। कल भारत के उपराष्टृपति श्रीमान जगदीप धनखड़ जी ने अपने करकमलों से इसे नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में इसे राष्ट्र को समर्पित किया। इस फैसिलिटी को भारत सरकार की पब्लिक प्राईवेट पार्टनेरशिप नीति के तहत जनहित में विकसित किया गया है। पंचायत स्तर …

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लोकज्ञान और स्थानीय आविष्कारों में छिपा है विश्वगुरु बनने का फार्मूला

प्रीतम सिन्हा

भारत एक विशाल देश हैं जहाँ एक बड़ी जनसँख्या निवास करती है जिसमें विभिन्न नस्लों धर्मों मान्यताओं परम्पराओं के जानकार लोग रहते हैं। थोडा समय यदि पीछे चले जाएँ तो आधुनिक बाजारवाद का ज्यादा जोर नहीं था और लगभग सभी लोग प्राकृतिक संसाधनों पर ही निर्भर किया करते थे बेशक वो भोजन का मसला हो या दवाई का। सभी के पास अपने अपने भौगोलिक परिवेश के मुताबिक़ अपनी स्थानीय समस्याओं के स्थानीय हल हुआ करते थे। मसलन यदि कोई छोटी मोटी शारीरिक समस्या हो और कोई किसी को बताये कि आज मेरा पेट खराब है या दांत में दर्द है …

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चाय का विकल्प

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चाय एक ऐसा कलंक है जिससे सभी जान तो छुड़वाना चाहते हैं लेकिन जीवन भर कोशिशे चलती रहती हैं दफ्तरी काम में चाहो ना चाहों छाती फूंकनी ही पडती है खैर दो जनवरी को मेरी मुलकात श्री राजेन्द्र जैन जी से उनके कार्यालय में हुई और बैठते ही मैंने चाय और चीनी ना पीने का निवेदन कर दिया उन्होंने हँसते हुए कहा कोई बात नहीं कमल जीत जी आपको चाय नहीं पिलायेंगे और उन्होंने तुरंत अपने मातहत को आवाज दी कि सबके लिए आँवला पेय बनाकर लाओ और खंड मिट्ठा कुछ नहीं डालना है बस काली मिर्च दिखा लाना जरी …

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पत्थरों की बरसात

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डॉ सुधीर कोहड़ा जी जो हमारे बैच के सुपर सीनियर थे कम से कम 6 साल आगे थे से हमारे बैच के बालकों से पक्की दोस्ती ऐसे अचानक से ही नही हो गयी थी इसके पीछे एक पत्थरों की बरसात वाली घटना घटी थी। डॉ सुधीर कोहड़ा जी का घर हिसार शहर में होने के बावजूद उन्होंने हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के इंटरनेशनल होस्टल में एक कमरा लिया हुआ था जहां वो अपनी पढ़ाई के साथ साथ फूल पत्तियों से नेचुरल कलर्स बनाया करते थे और उनसे ग्रीटिंग्स कार्ड्स बना कर उन्हें बेच कर पैसे एकत्र किया करते थे और वो …

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जीवन के कई सवाल और उनके जवाब

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जीवन के कई सवाल ऐसे होते हैं जिनके हल किताबों में कभी नहीं मिलते हैं क्युरोसिटी के कीड़े बरसों बरस उन सालों पर एड़ी ठाये इंतज़ार करते रहते हैं कि कभी तो कोई महाबली गुणीजन ऐसा टकर जाएगा जो सवाल के साथ न्याय कर देगा साल 1992 में 10+1 का छात्र बनकर यूनिवर्सिटी कालेज रोहतक में पहुंचा और रोहतक जिले के देहात से आये बालकों से मेरा पहला सम्पर्क हुआ और मेरे तो सवाल बहुत रहते थे फिर भी मैं सुनने में ज्यादा यकीन रखता था मुझे एक बात पता चली कि गाम गुहांड का भाईचारा होता है मतलब जिन …

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मनुस्मृति दहन दिवस की ऐतिहासिक प्रासंगिकता

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25 दिसम्बर को मनुसमृति दहन दिवस भी देश में आजकल मनाया जाने लगा है और सोशल मीडिया के प्रचलन के साथ साथ यह भी कुछ लोगों के लिए पर्व के रूप में अब देखा जाने लगा है। मैं अठ्ठाईस तीस साल का हो गया था मैंने कभी मनुस्मृति का नाम तक नहीं सुना था जब कानून की पढ़ाई शुरू की तो जस्टिस मार्कंडेय काटजू का लिखा पेपर ANCIENT INDIAN JURISPRUDENCE पढ़ा तो श्रुति और स्मृति का कांसेप्ट पल्ले पड़ा और अनेक समृतियों याग्य्वाल्लाक्य समृति , विष्णु समृति , नारद समृति , पराशर समृति, अपस्ताम्भा समृति , वशिष्ठ समृति गौतम समृति …

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भगवान श्रीराम मंदिर जी के निर्माण में श्री के के मुहम्मद जी का योगदान

साल 1976-77 में डॉ ब्रज बसी लाल जी जो आर्कियो लॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया में बड़े पद पर थे ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद पर खुदाई प्रारंभ की।  उनकी टीम में कई युवा आर्कियोलोजी वाले थे जिनमें एक युवा श्रीमान के के मुहम्मद साहब भी थे जो उस खुदाई दल में एक मात्र मुस्लिम भी थे। के के मुहम्मद जिनको आज मैं सुन रहा था ने अपनी याद से बताया कि उस साल जैसे ही हम खुदाई वाले इलाके में पहुंचे तो देखा कि हमारे रहने के तम्बू एक दम मस्जिद के सामने ही लगाये गए हैं।  मैं सुबह सुबह …

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