कल दोपहर जब मैंने अचानक बिना किसी कार्यक्रम के थार नेचुरल फ़ार्म (Thar Natural Farm) के प्रणेता सरदार नवरूप सिंह जी को फोन किया और बताया कि मैं आपके इलाके में हूँ तो मुझे जिस गर्मजोशी की उम्मीद थी उससे उलट बस एक ठंडी सी आवाज सुनाई दी आ जाओ।
खैर जब मैं वहां पहुंचा तो सरदार नवरूप सिंह जी मिले तो मुझे मालूम चला कि बुखार में तप रहे हैं। लेकिन हमें आया देख उठ खड़े हुए और अपने बड़े भाई साहब सरदार नवदीप सिंह जी से बोले कि बच्चों को अंदर ले जाओ और पहले कढावणी जिसमें दूध हलकी आंच पर सुबह से उबल रहा है। वो दिखाओ और फिर सबके लिए दूध की व्यवस्था कर दें।
मैंने मेरे साथ गये साथी श्रीमान Ratan Lila जी गंगानगर वाले और सरदार लवप्रीत सिंह मोहकमवाला और राजस्थान की सबसे मशहूर और किसान हितैषी पैक्स 2KSD के मैनेजर श्रीमान जय प्रकाशजी से परिचय कराया।
बस मैंने देखा और महसूस किया कि सरदार नवरूप सिंह जी ने बुखार को धोबी पछाड़ लगा दिया है। बस तब तक बड़े भाई साहब सभी आगंतुकों के लिए दूध और अलसी देसी घी और गुड से बना एक घरेलू मिष्ठान ले आये और हम सभी ने नवरूप जी की बातों के साथ दूध और मिष्ठान का भरपूर आनंद लेना शुरू किया। मैं भाई साहब जी का चेहरा बड़े ध्यान से देख रहा था अब उसपर किसी बुखार और थकान का कोई नामों निशान नहीं था। अब उनकी वाणी मैं ओज झलकने लगा था।
उन्होंने बच्चा पार्टी को कहा चलो तुम्हें फ़ार्म की सैर कराता हूँ और उठ् खड़े हुए और हम सभी उनके पीछे चलने लगे सबसे पहले उन्होंने हमें अपने घर का वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम दिखाया और बताया कि जब जोर की बारिश होती है तो छत पर गिरने वाला पानी इन बड़े बड़े पाईपों के जरिये नीचे आता है।
पांच सात मिनट हम इन पाईपों का वाल्व खोल कर पानी बाहर गिरा देते हैं। ताकि मिटटी और गर्दे वाला पानी बाहर गिर जाए और फिर साफ़ पानी को हम अपने भूमिगत टैंक की ओर मोड़ देते हैं जिसे हम सारा साल पीने के पानी के तौर पर यूज करते रहते हैं वर्षा जल संचयन राजस्थान की जीवन शैली का एक अभिन्न हिस्सा था पिछले साल जब मैं शोध यात्रा में चुरू जिले को क्रॉस कर रहा था तो हमें वहां कदम कदम पर वर्षा जल संचयन करने की दो ढाई सौ साल पुरानी व्यवस्था को बड़े ही नज़दीक से देखा था।
कीनू गार्डेन की सैर
सरदार जी ने बच्चा पार्टी को दूर से कीनू का बाग़ दिखाया और कहा जाओ अपनी पसंद के कीनू तोड़ लो। इतना सुनकर चट्कू मटकू और आरव ने दौड़ लगा दी और हमने भी देखा कि कीनू से लदे हुए पेड़ और पेड़ों के नीचे भी पके हुए फलों के ढेर अपने आप गिरे हुए थे।
बच्चों ने कभी कीनू की पेड़ नहीं देखे तो उनकी ख़ुशी का तो कोई ठिकाना था ही नहीं। सरदार जी जानते थे कि कौन से पेड़ के कौन से हिस्से में सबसे मीठे फल हैं सो उन्होंने अपने हाथों से कीनू तोड़ तोड़ कर हमारी जेबें भर दी।
सोना मोती गेहूं के दर्शन
कीनू बाग़ से निकलते ही उन्होंने हमें सोना मोती गेहूं दिखाई जिसे पैगेमबरी गेहूं भी बोलते हैं, खेत में बड़े ही शान से बूटे लहलहरा रहे थे और कोई पीलापन खेत में या बूटों में किसी किस्म की कोई भी कमी हमें नज़र नहीं आई।
सरदार जी ने खेत की मेढ पर 75 पेड़ मोरिंगा के दिखाए और बताया कि मोरिंगा के दस में से एक पेड़ से अगस्त के महीने में एक गोंद निकलता है जिसे वे एकत्र कर लेते हैं और पीठ दर्द के मरीजों को उपलब्ध कराते हैं। इस गोंद को चूस कर ही बहुत सारे लोगों का पीठ दर्द अब ठीक हो गया है। जिन पेड़ों से अच्छा गोंद निकल रहा है उनके टहनियों से नए बूटे तैयार करने का विचार बन रहा है।
फ़ार्मटूरिज्म प्रणाली की सैर
सरदार नवरूप सिंह जी हमें अपने खेतों के बीचों बीच बनी एक गोबर मिटटी और सरकंडे से बनी एक इमारत की ओर लेकर गए जहाँ एक सुंदर भवन भवन बना था और एक पानी की बड़ी डिग्गी भी वहां बनी थी जिसे मजबूत जालियों के साथ कवर किया गया था।
सुंदर धूप खिली होने की कारण आसमान भी खूब नीला था और गोबर मिटटी और सरकंडों से बना महल बड़ी ही स्वर्णिम आभा दे रहा था । हम सभी कमरों को अंदर से देखने की लिए बड़े उत्सुक और लालायित हो रहे थे।
पुरातन शैली के लकड़ी से बने जोडी वाले दरवाजे जिनपर लोहे की सांकल से ताला लगाया जाता है बड़ी ही फिनिशिंग के साथ अब हमारे सामने थे।
बस जैसे ही ताला खुला और हम सभी कमरे के अंदर आये तो वहां हवा में हमें बहुत ज्यादा ऑक्सीजन का एहसास हुआ और बहुत ही पवित्रता वहां कमरे में महसूस हो रही थी।
सरदार नवरूप सिंह जी चारपाई पर बैठ गए और सबसे पहले उन्होंने हमें छत के नज़दीक बने हुए छह छोटे छोटे वेंट्स दिखाए और बताया कि इस कमरे में जो ऑक्सीजन आपको महसूस हो रही है वो इन छह वेंट्स के कारण हैं।
आधुनिक गृह निर्माण योजना में हमने गर्म हवा को बाहर निकालने वाली इस प्रणाली की अनदेखी कर दी है जिसकी वजह से कमरे में कार्बनडाईऑक्साइड गैस का स्तर बढ़ जाता है और ताज़ी हवा अंदर नहीं आ पाती है।
फिर उन्होंने चारपाई और बेड पर सोने के लाभ हानियों की वैज्ञानिक तुलना की और फिर गद्दे रजाईयों के बारे में बताया और कहा कि सभी गद्दे और रजाई अपने खेत में उगाई जाने वाली देसी कपास से ही तैयार करते हैं जिसका एक बेहतरीन असर उन्होंने अपने शरीर पर किया है
जिसकी पुष्टि अमरीका के दो फिजियोथेरेपिस्टो ने की है जो यहाँ रुके थे उन्होंने बताया कि चारपाई पर सोने और देसी कपास के गद्दों पर सोने से उन्हें जो आराम और सुख मिला वो अतुलनीय और अकल्पनीय था।
हरेक कमरे के साथ एक आधुनिक अत्तैच वाशरूम भी बनाकर दिया गया है और पूरे काम्प्लेक्स में एक रसोई भी है जिसमें आगंतुक स्वयं अपनी पसंद का खाना बना सकते हैं ।
हमारे रतन लीला जी ने सवाल किया कि क्या मांस आदि पकाने की भी कोई सुबिधा दी जाती है तब नवरूप जी ने बताया कि ऐसी कोई सुविधा हमारे यहाँ नहीं है सारा राशन हमारे खेत से ही उगता है वही प्रदान किया जाता है। हाँ हमारी और से कुक प्रदान किये जाने की एक सुविधा जरूर है वो भी ऐच्छिक है यदि कोई लेना चाहे तो।
हमारे पास अपनी खुद की घुडसाल है जिसमें अच्छी नसल के घोड़े घोड़ियाँ है उनको भी फ़ार्म में बतौर टूरिस्ट आने वालों के लिए राईड का प्रबंध रहता है। हम हरेक सुबिधा के लिए अलग से चार्ज नहीं करते हैं हमारा बड़ा ही सीधा सा सिस्टम है तीन हज़ार रुपये प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन।
बस इसी शुल्क में हम आने वाले मेहमानों को सारी सुविधाएं प्रदान कर देते हैं।
हमारे रसोई में सारे बर्तन पीतल की हैं और हर हमने हरेक सुविधा को देसी पारम्परिक तरीके से ही उपलब्ध कराया है। भारत के कई प्रान्तों और विश्व के कई देशों के लोग हमारे यहाँ मेहमान बनकर पधारे हैं।
हमारे पास साहीवाल गायों की नस्ल विकसित करने की भी एक बड़ी गौशाला है जिसमें साहीवाल गायों की ब्रीडिंग और उन्नत नस्ल तैयार करने पर काम किया जाता है। नवरूप जी बताते हैं कि उनके गौ सदन में तीन महीने का एक बछडा है जिसकी कीमत ढाई लाख रुपये लग चुकी है।
इन सभी कामों के साथ नवरूप सिंह जी एक यूट्यूब चैनल भी चलाते हैं जिसका लिंक इस प्रकार है आप इस चैनल पर थार नेचुरल फ़ार्म से जुडी अनेकों
https://www.youtube.com/@sustainablelivingwithnavroop
गतिविधियाँ देख सकते हैं।
नवरूप सिंह जी बताते हैं कि थार नेचुरल फ़ार्म पर 67 अलग अलग किस्म की फसलें अभी वर्तमान में लगी हुई हैं यदि सब्जियों की संख्या इसमें जोड़ दी जाए तो इनकी संख्या 200 से अधिक हो सकती है।
तीन भाईयों नवदीप सिंह Navroop Singh और रमनदीप सिंह जी द्वारा व्यवस्थित थार नेचुरल फ़ार्म कृषि और जीवन शैली पर गहनता से शोध कर रहा है और एक नयी रौशनी और ऊर्जा का संचार कर रहा है।