Initial Days of Kisan Academy
किसान अकादमी के शुरूआती दिन
किसान अकादमी के शुरूआती दिन
भारतीय रसायनशास्त्र के जनक डॉ. प्रफुल्ल चंद्र रे जन्म 2 अगस्त, 1861 आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे (Prafull Chandra Ray) ने न केवलभारत में पहली दवा कंपनी की स्थापना कीबल्कि हिंदू रसायन विज्ञान के इतिहास कापहला व्यापक लेख भी लिखा ब्रिटिश खुफिया रिपोर्टों ने उन्हें नियमित रूप से“एक वैज्ञानिक की आड़ में क्रांतिकारी”के रूप में वर्णित किया कई भारतीय प्रतिभाओं में सेएक जिन्हें अंग्रेजों ने नीचा दिखायानैरेटिव बिल्डिंग / प्रोपेगैंडाकुछ आधुनिक दिन हैजिसे लोगों को अंग्रेजों से सीखना चाहिएवे इसमें उस्ताद थेन केवल अंग्रेजों द्वाराबल्कि आजादी के बाद के भारत में भीनीचा दिखाया गया अगर बंगाली उनके ज्ञान, उद्योग, व्यापारऔर वाणिज्य …
चौधरी खरतारामजी उन्हीं महापुरुषों में से एक थे। बचपन में चौधरी साहब को क्षेत्र मे व्याप्त प्राकृतिक, सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक और साम्प्रदायिक समस्याओं से सामना करना पड़ा।
91 वर्ष के लाल बाबा 91 वर्ष के लाल बाबा 35 मिनट में पूरी करते हैं परिक्रमा और करीब 20 साल से भोजन का त्याग कर रखा है। सनातन धर्म में संतों का त्याग और समर्पण अविस्मरणीय है। बहुत से संतो ने अपना पूरा जीवन ही लोक कल्याण के लिए अर्पित कर दिया। वृंदावन में भी ऐसे हैं लाल बाबा, जिनका पूरा जीवन ही लोक कल्याण के लिए है। लोगों के कल्याण के लिए कठोर साधना, तपस्या करते हैं। कालीदह के निकट यमुना जी के किनारे एक मंदिर में लाल बाबा जी रहते हैं। 40 वर्ष से अधिक समय से …
भावुक करने वाला यह दृश्य महाराष्ट्र से है। वेंगुर्ला बस स्थानक के कंडक्टर सी.बी.जाधव. दो दिन पहले सेवा निवृत्त हुए तो बस के सामने भावुक होकर नतमस्तक हो गये। यही सजीव निर्जीव का भेद खत्म हो जाता है। अपने काम पर निष्ठा और प्रमाणिकता हो तो जिसके कारण एक बड़े समय तक अपनी, अपने परिवार की रोजी रोटी चलती रही हो उस साधन, संसाधन को लक्ष्मी स्वरूप मानकर उसका वंदन भी मन से निकलता ही है। इसीलिए अपनी सनातन संस्कृति में नई वस्तुओं के या दशहरे पर भी वाहन, वस्तुओं के पूजन की या रक्षाबंधन पर वाहन को भी राखी …
केनिया के सुप्रसिद्ध धावक अबेल मुताई आलंपिक प्रतियोगिता मे अंतिम राउंड मे दौडते वक्त अंतिम लाइन से कुछ मिटर ही दूर थे और उनके सभी प्रतिस्पर्धी पीछे थे । अबेल ने स्वर्ण पदक लगभग जीत ही लिया था । सभी दर्शक उनके नाम का जयघोष कर रहे थे , इतनेमें कुछ गलतफहमी के कारण वे अंतिम रेखा समझकर एक मीटर पहले ही रुक गए। उनके पीछे आनेवाले स्पेन के इव्हान फर्नांडिस के यह ध्यान मे आया कि अंतिम रेखा समझमे नहीं आने की वजह से वह पहले ही रुक गए है । उसने चिल्लाकर अबेल को आगे जाने के लिए …
पंजाब के देहातों में लोग बड़े जिगरे वाले हैं। सुबह नौ बजे ड्यूटी जाने से पहले घरेलू काम काज की मर्यादा निभा कर शाम को दफ्तर से लौट कर फिर से खेत और पशुओं में खो जाना एक सोहणा शग़ल माना जाता है। हमारे लिए ये एक मुश्किल काम हो सकता है लेकिन इनके लिए एक रूटीन एक्टिविटी है। दिल्ली में बैठ को जो मर्जी बोले जाओ उड़ता पंजाब आदि आदि। पंजाब के अंदर उतर कर देखेंगे तो सजदा पंजाब गजदा पंजाब ते गाता पंजाब नचदा ते वसदा पंजाब है। कल जैसे ही बस से धनौला बस स्टैंड पर उतरा …
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले मे स्थित ढोलकल पहाड़ पर लगभग 3000 फीट ऊँचाई पर स्थित भगवान गणेश जी की प्रतिमा स्थापित है। सन् 2012 से यह जगह प्रसिद्ध हुयी जब एक पत्रकार ने इस जगह की फोटो को प्रकाशित की, तब तक सम्भवतः स्थानीय निवासियों को ही इस स्थान के बारे मे जानकारी रही होगी। पुरातत्वेताओ के अनुसार भगवान गणेश की यह प्रतिमा 10वीं- 11वीं शताब्दी की है। यह स्थान दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय से लगभग 18 km दूरी पर स्थित है,तथा निकटतम ग्राम फरसापाल है, जिसका नाम इस स्थान के निकट हुए भगवान गणेश एवं ऋषि परसुराम के मध्य हुए …
02 अगस्त 1953 को कृषक क्रांति का जाज्वल्यमान नक्षत्र धूमकेतु की तरह अपनी छटा बिखेर कर विलखते हजारो संगी साथियों और अनुयायियों को छोड़ इस नश्वर संसार को अलविदा कह गया। महान् स्वतंत्रता सेनानी किसान केसरी बलदेवराम जी महान् स्वतंत्रता सेनानी किसान केसरी बलदेवराम जी मिर्धा ने मारवाड़ रियासत में पुलिस विभाग के डीआइजी पद से स्तीफा देकर किसान कौम के लिए उनके द्वारा किए गए अनुपम महान कार्यो को बताना इस समय समयोचित होगा युवा पीढ़ी ऐसे महान युगपुरुष द्वारा बताये गए रास्तो का अनुकरण करे, जिस कृषक क्रांति का बीजारोपण वे करके गये उसे पुष्पित एव पल्लवित करने …
दफ्तर के काम से हिसार ज़िल के सातरोड पिंड में जाना हुआ और वहां मुझे बातों ही बातों में 78 वर्षीय मास्टर पंजाब् सिंह पूनिया के मालूम चला और मैंने छोटे भाई Vikas Hariyanvi Satrod जी से निवेदन किया कि मुझे मास्टर जी से मिलवाओ। गांव सातरोड की पुरानी तंग गलियों से गुजरते गुजरते हम मास्टर जी के नोहरे में पहुंचे तो मास्टर जी काम मे लगे थे और मैंने अपना थोड़ा सा परिचय दिया लेकिन मास्टर जी समझ चुके थे के बन्दा विकास के साथ आया है तो इसे इतिहास में रुचि है। मास्टर जी सातरोड गांव के इतिहास …