नमक पुराण

पंचकुला से बरवाला रोड पर बुलंद खड़े मशहूर रामगढ़ के किले के बाहर एक नमक की रेहड़ी लगती है जिसे कैथल जिले के निवासी श्रीमान स्वतंत्र कुमार लगाते हैं और बड़े फक्र से बताते हैं के मैं पांचवीं फेल हूँ और मेरी पत्नी एम् ए पास है। खैर मैंने पूछा के ये व्यापार क्यूँ करते हो स्वतंत्र ने बताया मैंने बड़े व्यापार किये किसी में मेरा पैसा मार लिया गया कभी समान खराब हो गया। यह समस्या मैंने एक दिन अपने गाँव के बुजुर्ग से बताई तो उसने कहा भाई तुम्हारे पूरे परिवार का स्वभाव भुरभरा सा है समान के …

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जोडी सलामत रहे

एक बार की बात थी कि एक खपीटर मन्दिर चला गया और वहाँ बाहर चबूतरे पर एक बाबा टाइप आदमी बैठा था और उसने देखा खपीटर पहली बार इधर आया है तो उसने उसकी ओर देख कर कहा बच्चा भूख लगी है कुछ दान पुणय करले भगवान तेरी जोड़ी सलामत रखेगा। दान पुन तक तो ठीक थी लेकिन जोड़ी वाली बात सुनते ही उसके कालजे में ढीमरा फूट गया और भूंडी शकल बनाकर बिरडाते हुए बोला रै बाबा कैसी जोड़ी मैं तो अभी तक बिन ब्याहा ही डोला फिर रहा हूँ। बाबा भी बहुत अनुभवी था और अपनी बात को …

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हरियाणवी देसी चुटकले

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कितना बड़ा दर्द रै रामफल भाई आजकल वा छोरी भी अंग्रेजी गाणे सुण सै जुणसी अंग्रेज़ी के पेपर मैं मेरे पै पर्ची मांगया करदी डाक्टर की हाजिर जवाबी एक बै एक आदमी डॉक्टर धोरे जा कै कहवे है’ “डॉक्टर साब मेरे दस्त लाग रे सै!”डॉक्टर मैच देख रह्या होवे है और बोले है : लागे रहण दे, तनै के उसके गोस्से पाथने सै: तजुर्बे की बात रोडवेज बस में जितनी लुगाई चढया करे हैंसीट खुसन का उतना ही खतरा रहया करे है। ताई की डिमांड एक बार एक ताई ने हाथ दे कै चालदी बस रुकवाईकंडक्टर नै बूज्या ऐ री …

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खपीटरों के किस्से कहानियां

khapeetar

मोबाइल रिचार्ज वर्सेज सुथरा ब्याह एक बार की बात जब ये जिओ आया ना था और मोबाइल के रिचार्ज बहुत महंगे होया करदे। एक खपीटर के न्यू जच गयी अक तेरा ब्याह तो बस फेसबुक ही करवा सके है और बस दिन रात जुटा रहंदा। फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजन और छोरियां के फोटू लगाये बैठे छोरां नैं ढूंढ कै हटान मैं डेली दो जी बी डाटा का नास ठा दिया करता। एक दिन जब वो फेर हर रोज की तरिया नेट रिचार्ज करवान गया तो वो मोबाइल की दूकान आला बोल्या रै भूतनी के जितने के तन्ने डाटा फूंक दिया है …

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उकडू और फूंक वाली रेसिपी

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एक बार कि बात है भाई रामफल के करडा जुखाम हो गया और घर पे ही कढी काढी सुर्ड़क के ठीक करने की कोशिश की। लेकिन गरम सर्द आली सिचुएशन बन गयी घर से पैसे लेकर रामफल सरकारी हस्पताल में आ लिया और कार्ड बनवा लिया। डाक्टर के बारने बैठ अपनी बारी का इंतज़ार करने लगा। डाक्टर रामफल का पुराना मेल मिलाप का आदमी था। थोड़ी देर पाछे रामफल का नम्बर आ लिया। रामफल डाक्टर के जाते ही बोल्या डॉ साहब मार गेरे इस गाड़न जोगे जुखाम नै। कोई बढ़िया पेटेंट देसी सा नुस्खा बता दयो जिसते ये सुसरा जुखाम …

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सत्संग मोड्डा एंड रोहतकी

एक बार की बात है एक रोहतकी किसी के बहकावे में आ कर सत्संग टाइप प्रोग्राम में चला गया और उस दिन मौसम ठीक था और भाई कहीं से पार्टी शार्टी करके आया था। इधर भाई का मूड जरा चसा हुआ था और इधर मोड्डे ने अपनी स्वर लहरियों और लाईटों शाईटों से पूरा माहौल बना के सतसंग सुनाने लग रहा था अचानक मोड्डा अपनी जनरल रूटीन में बोल्या अक दारु शराब पीने वाले सब के सब बिना गिने और बिना रुके सीधे नरक में जायेंगे। ऐसा सुन कर कई लोग सकते में आ गए लेकिन रोहतकी ने और हाथ …

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जलेबियाँ का रेट

एक बार की बात है एक छोरा बाज़ार मैं गया और वो हलवाई की दूकान के आगे जा कै खड़ा हो गया उड़े बढ़िया गरमा गर्म जलेबियाँ उतरण लाग रही थी जेब में एक भी रापिया धेला किमे था नहीं उसने सोची छोड्ड ना यार पहल्यां तू जलेबियाँ समार ले फेर देखांगे अर एक किलो जलेबी तुलवा ली अर खा गया चालन लाग्या तो हलवाई बोल्या ओ भाई ल्या रै जलेबियाँ के रपिये दे वो छोरा बोल्या लाला जी रपिये तो कोन्या , हलवाई कै उठ गया छो गेर कै नीचे तसल्ली तै ओसन(पीट) दिया बस वो छोरा झाड झूड …

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करोना जैसों की काट भारतीय संस्कृति

राम युग में दूध मिलेऔर कृष्ण युग में घीकोरोना युग में काढा मिलेडिस्टेंस बना कर पी जब दुनियाँ लेके बैठी हैबड़े-बड़े परमाणुपर ठोक गया उसे एकछोटा सा विषाणु कल रात सपने मेंआया कोरोनाउसे देख जो मैं डरा 😢और शुरू किया रोनातो, मुस्कुरा 😊 केवह बोला मुझसे डरो मतकितनी अच्छी हैतुम्हारी संस्कृति न चूमते, न गले लगातेदोनों हाथ जोड़करतुम राम राम करतेवही करो नामुझसे क्यों डरते ? कहाँ से सीखा तुमनेरूम स्प्रे, बॉडी स्प्रेपहले तो तुम धूप, दीपकपूर, अगरबत्ती जलातेवही करो नामुझसे बिल्कुल डरो ना शुरू से तुम्हेंसिखाया गयाअच्छे से हाथ-पैरधोकर घर में घुसोमत भूलोअपनी संस्कृतिवही करो नामुझसे बिल्कुल डरो ना …

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दाल और मेहमान

एक बार की बात है एक आदमी अपणी घरआली तै बोल्या: आज मेरे दफ्तर के यार खाणा खाण आवेंगे कीमे आछ्या बणा लिए घरआली बोली: जी घर नै तो कीमे ना बच रहया बस दाल ए सै! आदमी बोल्या बस तू दाल ए बणा लिए और वे आवेंगे जद भीतर तै बर्तन नीचै पटके जाइए, मैं कहूँगा के होया तूकहिये खीर पड़गी, फेर कहिये हलवा पड़ग्या, नु करदे करदे सारी चीज गिणा दिए! फेर मैं कहूँगा के बच्या सै तू कहिये दाल बची सै,मैं कहूँगा वा ए लिया! उसकी घरआली बोली ठीक सै.मेहमान आए!! भीतर तै बर्तन गिरण की आवाज …

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शेरो शायरी कलेक्शन

हरियाणा कृषि विश्विधालय में मैं साल 1997 से लेकर मार्च 2000 तक बतौर डिपार्टमेंट ऑफ़ फ़ूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी का छात्र रहा और साल 1998 में हमारे से जूनियर बैच में एक साथी आया महावीर डांगी। जो डॉ डैंग के नाम से हमारे आपसी जूनियर सीनियर भाई चारे में आगे चलकर मशहूर हुआ। महावीर की खासियत यह थी कि उसे सैंकड़ों हज़ारों शेर याद थे और किसी भी स्थिति पर वो शेर सुना सकता था। मैं हमेशा यह सोचता था कि कभी समय लगेगा तो मैं जीवन में एक शेरो शायरी का कलेक्शन बनाऊंगा। लेकिन चवन्नी अठन्नी की दौड़ में …

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