महाबली प्रोफेसर सम्राट घोष जी मेरे परम मित्र हैं और वर्तमान में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च मोहाली में सेवारत हैं।
बिना धुयें के ग्रीन पटाखे बनाने का महान आविष्कार भी इन्होंने किया है। जो साथी मेरे साथ फेसबुक में जुड़े हैं वो जानते हैं कि पिछले साल डिसेंबर में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर दिल्ली में आयोजित हुए नेशनल इनोवेशन फेस्टिवल में हमने जी भर के ग्रीन पटाखे बजाए थे।
वो वीडियो आप यहाँ देख सकते हैं और मजा लूट सकते हैं
https://m.facebook.com/story.phpstory_fbid=664122671923432&id=720939756&mibextid=2JQ9oc
आज खबर थोड़ी अलग है
प्रोफेसर सम्राट घोष जी का ध्यान एक प्रतिष्ठित कंपनी जो पानी की बोतल बना कर बेचती है की बोतल के लेबल पर गया जहाँ पानी का TDS बेहद कम लगभग 3 मेंशन था।
जो पीने वाले के स्वास्थय के लिए अत्यंत घातक था क्योंकि जैसे ही कम tds का पानी हमारे शरीर में प्रवेश करता है तो सबसे पहले वो अपने मिनरल पूरे करता है और वो मिनरल हमारे शरीर में से निकलता है और हमारा शरीर खोखला होना शुरू हो जाता है।
प्रोफेसर सम्राट घोष जी ने 2 और 15 फरवरी 2023 को उस प्रतिष्ठित कंपनी की मैनेजमेंट को उनके बेहद कम टीडीएस (~3 पीपीएम) पीने के पानी के बारे में लिखा था और अब वे अपने ताजे पानी को टीडीएस (~66 पीपीएम) के साथ बेच रहे हैं।
प्रतिष्ठित कंपनी ने उनकी 15 फरवरी का आखिरी ईमेल का जवाब दिया कि उनके जल उत्पाद की गुणवत्ता खराब नहीं हैं।
लेकिन अचानक उनका टीडीएस 20 गुना कैसे बढ़ गया है।
प्रोफेसर सम्राट घोष जी ने मुझे बताया कि जब से मैंने इस मुद्दे को उठाया।
कई महीनों तक मैंने उनका उत्पाद नहीं देखा और आज किसी ने मुझे बताया कि बाजार अब तांबे से समृद्ध पानी से फिर से भर गया है।
हालाँकि प्रतिष्ठित कंपनी में यह स्वीकार करने के लिए नैतिकता का अभाव है कि मैंने उनके ध्यान में क्या लाया।
लेकिन मुझे खुशी है कि मेरे प्रयासों के कारण, हमारे समाज को लाभ हुआ क्योंकि इस प्रतिष्ठित कंपनी ने अंततः जनता के लिए पीने के पानी की गुणवत्ता को समायोजित कर दिया है।