मरना परना अते किसान कारीगर ते समाज

भूमिका बात साल 2004 की है तब दिल्ली में मैं सरदार मोहिंदर सिंह ग्रेवाल जो भारत सरकार के कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कास्ट्स एंड प्राईसेज में बतौर फार्मर मेम्बर सेवाएँ दे रहे थे के साथ बतौर गेस्ट उनके सरकारी रेसिडेंस पर रहा करता था। मैं उनके लिखने पढने के काम में उन्हें थोड़ा बहुत सहयोग भी कर दिया करता था और इसी बहाने मुझे खेती किसानी के मसलों पर उनके जीवन के निचोड़ भी सीधे सीखने को मिल जाया करते थे। मैंने यह बात उन्ही से सुनी थी कि किसान समाज की मर का मुख्य कारण मरना और परना हैं। मतलब …

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