बहुत याद आते हैं सरदार हरविन्द्र सिंघ आत्मा जी

harvinder singh atma

एक साल से भी ज्यादा समय बीत गया पिछले साल सितम्बर महीने की एक उदास सी शाम को जब मैं नारायणगढ़ से लौट रहा था तो अचानक से व्हाट्सएप्प पर एक संदेश प्राप्त हुआ जो सीनियर साथी श्री हरविंद्र सिंह आत्मा जी Harvinder Singh Atma के बारे में था। संदेश का ले आउट देख कर ही झटका लग गया और बड़े ही बोझिल मन से पढ़ा गया। आँखों के सामने अँधेरा था और दिमाग सुन्न। दो साल पहले ही नाबार्ड क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ Nabard Regional Office Haryana Chandigarh के बड़े अधिकारी श्री मलकीत सिंह जी Malkit Singh के मार्फत हैफेड …

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दमा के रोगी ध्यान दें काइंडली प्लीज

नमस्कार , मेरे एक अजीज सीनियर साथी हैं श्रीमान वैधराज पुष्कर वीर सिंह भाटिया जी, जो हर वर्ष अपने आयुर्वेदिक प्रतिष्ठान धर्मायु आयुर्वेद डेराबस्सी पंजाब भारत से वर्ष में एक बार शरद पूर्णिमा को सेवन की जाने वाली दमे की अचूक दवा जिसके सेवन से व्यक्ति एकबार में ही दमे के रोग से मुक्त हो जाता है का वितरण करेंगे। दवा को हर वर्ष पहले से ही प्राचीन शास्त्रीय विधियों के द्वारा उच्च गुणवत्ता के मानकों की कसौटी पर रसशाला में तैयार किया जाता है जो प्रक्रिया आजकल चल रही है। इस दवा को 19 अक्टूबर 2021 को खीर में …

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धौले एंड काले कानून और किसानपुत्र की व्यथा का व्यावाहरिक पक्ष ग्रामीण भारत की तकलीफ

मेरे एक अजीज साथी हैं सांगवान साहब जिनसे मेरा परिचय फेसबुक के माध्यम से हुआ था और मुझे उनका स्वभाव और विचार ठीक लगे और मेरी उनसे कब दोस्ती हुई और पारिवारिक भाईचारे में बदल गयी पता ही नही चला। मेरे पास वो कई बार चंडीगढ़ आये और मुलाकातें होती रही और मुझे उनकी अपने भविष्य को बनाने सम्बंधित आकांक्षाओं और योजनाओं का पता चलता रहा। बीच बीच में कई बार मेरी उनसे चर्चा बिजनेस सेटअप को लेकर हो जाया करती थी और पिछले एक डेढ़ साल में मैं दो बार उनके घर भी गया और उनके साथियों से भी …

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बूढी मां के तीन गहने

उन्नीसवीं शताब्दी का अंतिम समय था। ठाकुरदास नामक एक वयोवृद्ध कोलकता में रहता था। उसके परिवार में केवल एक बच्चा और पत्नी थी। इस सीमित परिवार का भरण-पोषण भी ठीक प्रकार से न हो पाता। नियति ने उन्हें मेदिनीपुर जिले के एक गाँव में ला पटका। वहाँ ठाकुरदास को दो रुपये महावार की नौकरी मिली। कालाँतर में उनका देहाँत हो गया। पत्नी के कंधों पर सारे परिवार का दायित्व आया। इसी तरह कई वर्ष बीत गए। एक दिन रात के समय बेटे ने अपनी माँ के पैर दबाते हुए पूछा, “माँ मेरी इच्छा है कि मैं पढ़-लिखकर बहुत बड़ा विद्वान …

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हल्दीघाटी युद्ध में वीरगति को प्राप्त होने वाले प्रमुख मेवाड़ी योद्धा

हल्दीघाटी का युद्ध 18 जून 1576 को मेवाड़ के महाराणा प्रताप का समर्थन करने वाले घुड़सवारों और धनुर्धारियों और मुगल सम्राट अकबर की सेना के बीच लडा गया था हल्दीघाटी का युद्ध 1) ग्वालियर के राजा रामशाह तोमर 2) कुंवर शालिवाहन तोमर (रामशाह तोमर के पुत्र व महाराणा प्रताप के बहनोई) 3) कुंवर भान तोमर (रामशाह तोमर के पुत्र) 4) कुंवर प्रताप तोमर (रामशाह तोमर के पुत्र) 5) भंवर धर्मागत तोमर (शालिवाहन तोमर के पुत्र) 6) दुर्गा तोमर (रामशाह तोमर के साथी) 7) बाबू भदौरिया (रामशाह तोमर के साथी) 8) खाण्डेराव तोमर (रामशाह तोमर के साथी) 9) बुद्ध सेन (रामशाह …

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मिट्टी के जानकार बाबा दीपक सचदे

बाबा दीपक सचदे जी आज इस भौतिक जगत में नही हैं, लेकिन उनके द्वारा स्थापित काम जगत में बोल रहा है। बाबा दीपक सचदे के खेतों की मिट्टी में आर्गेनिक कार्बन कॉन्टेंट 6 से 7 तक है, यह ICAR के कृषि वैज्ञानिकों ने चेक करके बताया था। प्रकृति में जो मिट्टी निर्माण की प्रक्रिया है जो 400 वर्षों में पूरी होती है उसे बाबा दीपक सचदे ने समझ कर उसे सहज रूप से मात्र तीन महीने में पूर्ण कर लिया गया और नाम दिया गया अमृत मिट्टी निर्माण प्रक्रिया। सब कुछ ही मिट्टी में हैं यदि मिट्टी मजबूत है तो …

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शुभ लाभ आर्थिक संगठन

भूमिका हमारा देश असल में एक दुनिया हैं यहाँ आदिकाल से ही पूरे विश्व से शोधार्थी आते रहे हैं और यहाँ से सीख सीख कर ज्ञान और अनुभव पूरी दुनिया में ले जाते रहे हैं। शोधार्थियों के शोध ग्रंथों को पढ़ कर और उनके अनुभवों को सुन कर यहाँ की धन संपदा और वैभव को लूटने के मकसद से यहाँ हमलावर भी आते रहे हैं जिन्होंने हमारी धन संपदा को लूटने के साथ साथ हमारे ज्ञान केन्द्रों जैसे नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविधालयों को नष्ट करने का काम किया है जिससे हमारा बौद्दिक विकास रुक गया और हम अजीब से …

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निब वाले पेन हमारा बचपन और हम

जब हम स्कूल में पढ़ते थे उस स्कूली दौर में निब पैन का चलन जोरों पर था। तब कैमलिन और चेलपार्क की स्याही प्रायः हर घर में मिल ही जाती थी, कोई कोई टिकिया से स्याही बनाकर भी उपयोग करते थे और जिन्होंने भी पैन में स्याही डाली होगी वो ड्रॉपर के महत्व से भली भांति परिचित होंगे। महीने में दो-तीन बार निब पैन को खोलकर उसे गरम पानी में डालकर उसकी सर्विसिंग भी की जाती थी और लगभग सभी को लगता था की निब को उल्टा कर के लिखने से हैंडराइटिंग बड़ी सुन्दर बनती है। हर क्लास में एक …

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हमारे कौरव पाण्डव और हमारा महाभारत

जयवीर रावत शास्त्र कहते हैं कि अठारह दिनों के महाभारत युद्ध में उस समय की पुरुष जनसंख्या का 80% सफाया हो गया था। युद्ध के अंत में, संजय कुरुक्षेत्र के उस स्थान पर गए जहां संसार का सबसे महानतम युद्ध हुआ था। उसने इधर-उधर देखा और सोचने लगा कि क्या वास्तव में यहीं युद्ध हुआ था? यदि यहां युद्ध हुआ था तो जहां वो खड़ा है, वहां की जमीन रक्त से सराबोर होनी चाहिए। क्या वो आज उसी जगह पर खड़ा है जहां महान पांडव और कृष्ण खड़े थे? तभी एक वृद्ध व्यक्ति ने वहां आकर धीमे और शांत स्वर …

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