श्रीमान वीरेंद्र गोयाल जी इंदौर में रहने वाले एक उद्योगपति हैं और इनका मूल निवास हरियाणा के हिसार जिले के गाँव तलवंडी रुक्का से है। ये लम्बे समय से इंदौर में रहते हैं और इनका कम्बल बनाने का कारखाना है। सोशल मीडिया के माध्यम से मेरा इनसे परिचय है।
एक बार मैं इंदौर में इनके घर पर भी गया हूँ और जनक पलटा जी से मुझे इन्होने ही मिलवाया था। अच्छी गुणकारी बातों का संग्रह इनकी आदतों में शुमार है।
आज इन्होने मुझे यह कुछ जीवन सूत्र भेजे हैं जो इस प्रकार हैं :
छिपाईये
उम्र और कमाई चाहे पूछे सगा भाई ।
पीजिये
दूध खड़े होकर दवा पानी बैठ कर ।
भूलिए
अपनी बड़ाई को और दूसरों की बुराई को ।
करिये
आये का मान और जाते का सम्मान ।
लाईये
घर में चीज उतनी काम आये जितनी ।
खाइए
दाल रोटी और चटनी चाहे कमाई कितनी भी हो अपनी।
रखिये
याद कर्ज के चुकाने को मर्ज के मिटाने को ।
बोलिए
जबान को संभाल कर थोडा बहुत पहचान कर ।
जाईये
दुःख में पहले और सुख में पीछे।