अक्सर मेरे से यह सवाल पूछा जाता है कि किसान संचार कैसे काम करता है? मुझे इस सवाल का जवाब देने के लिए बहुत जोर लगाना पड़ता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग की ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के चैनल पर एक पुराना विडियो मौजूद है जिसे अनेक वर्ष पूर्व शायद 2018 में गाँव कनेक्शन के मुख्य रिपोर्टर अरविन्द शुक्ला जी ने किसान संचार कार्यालय जीरकपुर में शूट किया था और मैंने इस सवाल का जवाब तैयार रखने के लिए इसे अपने ब्लॉग पर जोड़ दिया है। दर असल मैं उस दिन अरविन्द भाई ने घेर लिया था और बस पता नहीं कैसे बातचीत में अरविन्द भाई ने सब पूछ लिया।
हालाँकि अब किसान संचार उस दौर की टेक्नोलॉजी यूज नहीं करता है 13 अप्रैल 2021 से किसान संचार व्हाट्स एप्प प्लेटफोर्म पर शिफ्ट हो चूका है और टू वे कम्युनिकेशन मोड्यूल पर काम कर रहा है। किसान संचार पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के साथ मिलकर भारत की हरेक ग्राम पंचायत तक कृषि सम्बंधित सूचनाओं खासकर मौसम के पूर्वानुमान को समय से भेजने के लिए एक प्रणाली विकसित कर रहा है जिसके लिए जीरकपुर में आल इंडिया ब्राडकास्टिंग फैसिलिटी बनाई गयी है।
किसान संचार अब एक मोबाइल एप्प पर भी काम कर रहा है ताकि सूचना सेवाओं को और अधिक त्वरित गति से उसके यूजर्स तक पहुँचाया जा सके ताकि उन्हें समय पर प्रयोग करके किसान ईको सिस्टम सेर्विसेज का लाभ उठा कर अपने धन और समय की बचत करके अपनी खेती को टिकाऊ और लाभकारी बना कर रख सकें।