बाजरा एक बहुमूल्य अनाज

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बाजारा ,सांवा,सामा,कोदो , रागी, जौ, कुटकी ,कांगनी ये सब भारत में उत्पादित होने वाले मोटे अनाजों के नाम हैं।हममें से ज्यादातर लोगों ने इन अनाजों का नाम तक नहीं सुना होगा। आपको हैरान की होगी की ये बहुमूल्य अनाज पिछले 6500 सालों से हम भारतीयों का मुख्य आहार हुआ करता था। इससे बने चावल, खिचड़ी हलवा, लड्डू, सत्तू, भुंजा, चूड़ा इत्यादि व्यंजन हमारे पसंदीदा आहार हुआ करते थे। हरित क्रांति के बाद हमारी डाइट सिर्फ चावल और गेहूं तक सिमट के रह गई और हम सबने इन बहुमूल्य अनाजों का दरकिनार कर दिया हैं। आज जब हमारी आबादी का ज्यादातर हिस्सा मधुमेह, मोटापे और हृदय रोगों से पीड़ित हैं। विशेषज्ञ अब इन मोटे अनाजों के सेवन करने की सलाह दे रहे हैं। ये अनाज धीरे-धीरे फैशन में आ रहा है।

बाजरा

भारत में सर्दी के मौसम में खाया जाने वाला अनाज है “बाजरा”पर इसकी उपयोगिता हम भूल चुके है,यदि आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ ले तो निश्चित ही 10 किलो बाजरा पीसवा ही लेंगे । सर्दी की मौसम में इसकी रोटी सुबह व शाम को या खिचड़ी जरुर खानी चाहिये बाजरा गर्मी के साथ साथ हमारी हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है । ग्रामीण इलाकों में आज भी बाजरा से बनी रोटी ओर #चूरमा लड्डू को ठंड में बहुत पसंद किया जाता है।

बाजरा में मैग्नीशियम, कैल्शियम,मैग्नीज, ट्रिप्टोफेन,फास्फोरस, फाइबर (रेशा), विटामिन बी, एण्टीआक्सीडेण्ट आदि भरपूर मात्रा मे पाये जाते है। बाजरा खाने से एनर्जी मिलती है.ये ऊर्जा एक बहुत अच्छा स्त्रोत है इसके अलावा अगर आप वजन घटाना चाह रहे हैं. तो भी बाजरा खाना आपके लिए फायदेमंद होगा।

बाजरा कोलस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है । जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है । इसके अलावा ये मैग्नीशियम और पोटैशियम का भी अच्छा स्त्रोत है जो #ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मददगार है।

बाजरे में भरपूर मात्रा में फाइबर्स पाए जाते हैं जो पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने में सहायक हैं । बाजरा खाने से कब्ज की समस्या नहीं होती है । कई अध्ययनों में कहा गया है कि बाजरा #कैंसर से बचाव में सहायक है। पर ये न केवल कैंसर से बचाव में सहायक है बल्कि इसके नियमित सेवन से डायबिटीज का खतरा भी कम हो जाता है। डायबिटीज के मरीजों को इसके नियमित सेवन की सलाह दी जाती है । बाजरे की रोटी खाने वालों को हड्डियों में कैल्शियम की कमी से पैदा होने वाले रोग #आस्टियोपोरोसिस और खून की कमी यानी एनीमिया नहीं होता है । बाजरे में भरपूर कैल्शियम होता है जो कि #हड्डियों के लिए रामबाण औषधि है ।

आयरन भी बाजरे में इतना अधिक होता है कि खून की कमी से होने वाले रोग नहीं हो सकते । गर्भवती महिलाओं को कैल्शियम और आयरन की जगह बाजरे की रोटी और खिचड़ी दी जाये तो इससे उनके बच्चों को जन्म से लेकर पांच साल की उम्र तक कैल्शियम और #आयरन की कमी से होने वाले रोग नहीं होते । इतना ही नहीं बाजरे का सेवन करने वाली महिलाओं में प्रसव में असामान्य पीड़ा के मामले भी न के बराबर पाए गये

गर्भवती महिलाओं को कैल्शियम की गोलियां खाने की जगह रोज बाजरे की दो रोटी खानी चाहिये |बाजरे की रोटी का स्वाद जितना अच्छा होता है, उससे अधिक उसमें गुण भी होते हैं । बाजरा खा कर अपने शरीर को स्वास्थ्य लाभ पहुचाये।