महाराजा रणजीत सिंह का अंतिम संस्कार

महाराजा का देहावसान महाराजा रणजीत सिंह जी को अधरंग हुआ था और वे 27 जून 1839 को स्वर्ग सिधार गये। उनका अंतिम संस्कार 28 जून 1839 को लाहौर में हुआ था। उनकी चार रानियाँ और सात दासियाँ महाराजा के मृत शरीर के साथ चिता पर सती हुई थी। महाराजा रणजीत सिंह जी का राज भारत में खालसा राज के रूप में सर्वमान्य है। सिख गुरुओं ने हमेशा सती प्रथा का विरोध ही किया है सभी गुरुओं ने इसके बारे में …

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माता सीता के जीवन से हम क्या सीख सकते हैं

सुनीता बिंदल माता सीता सनातन इतिहास में एक आदर्श महिला हुई हैं जिन्होंने मर्यादा पुरुषोतम भगवन श्रीराम की जीवन संगिनी बनकर उनका हर कदम पर साथ दिया आज के समय में सीता के जीवन से हम क्या सीखा सकते हैं इस बाबत आज हम कुछ चर्चा करेंगे सीता जी का तो पूरा जीवन ही त्याग व प्रेम से भरा हुआ है , उनका पूरा ही जीवन हमारे लिए शिक्षाप्रद व प्रेणादायक है सीता के बहुत सारे गुण जो हमको भी …

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धौले एंड काले कानून और किसानपुत्र की व्यथा का व्यावाहरिक पक्ष ग्रामीण भारत की तकलीफ

मेरे एक अजीज साथी हैं सांगवान साहब जिनसे मेरा परिचय फेसबुक के माध्यम से हुआ था और मुझे उनका स्वभाव और विचार ठीक लगे और मेरी उनसे कब दोस्ती हुई और पारिवारिक भाईचारे में बदल गयी पता ही नही चला। मेरे पास वो कई बार चंडीगढ़ आये और मुलाकातें होती रही और मुझे उनकी अपने भविष्य को बनाने सम्बंधित आकांक्षाओं और योजनाओं का पता चलता रहा। बीच बीच में कई बार मेरी उनसे चर्चा बिजनेस सेटअप को लेकर हो जाया …

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शुभ लाभ आर्थिक संगठन के प्रथम बैच के प्रतिभागियों हेतु कुछ महत्वपूर्ण बातें

शुभ लाभ आर्थिक संगठन के प्रथम बैच की सभी 300 महिला सदस्यों को सादर नमस्कार आज ZOOM प्लेटफोर्म पर दोपहर तीन बजे आयोजित की गयी ऑनलाइन मीटिंग में आपके कुछ सदस्यों के साथ बातचीत करने का अवसर मिला और बातचीत में मैंने महसूस किया की अभी संगठन के बारे में आपके मन में कुछ सवाल हैं और उनके जवाब मैं यहाँ लिख कर दे रहा हूँ सबको है आस आपसे आपके आर्थिक संगठन की कल्पना के पहले दिन से ही …

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डॉ सुरेंद्र दलाल एक सच्चे कर्मठ वैज्ञानिक से मुलाकात और उनकी यादें

डॉ सुरेंद्र दलाल जी एक सच्चे और धुरंधर वैज्ञानिक जी से मुलकात की यादें तो बहुत हैं लेकिन मुझे अपने जीवन में स्वर्गीय डॉ Surender Dalal जी से मिलने का मौका सिर्फ पांच या छह बार ही मिला है लेकिन फिर भी यह मुलाकातें सुबह से शाम तक बैठने वाली थी, उनको काम करते देखना और उनके नजरिये से मुद्दों को समझना , मेरे लिए एक दम नया अनुभव था। कोई इंसान सरकारी नौकरी में काम करते हुए लोगों का …

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ब्यूटी सोप बार कैसे बनाएं और उससे जुड़े सवाल और जवाब

शुभ लाभ आर्थिक संगठन के प्रथम बैच के अभ्यर्थियों सादर नमस्कार आपको जिस का इंतज़ार था वो घड़ी अब आ गयी है रवि मोहन जी ने बड़ी मेहनत करके सभी सूत्रों को जोड़ लिया है और अब आप भिन्न भिन्न तरह के ब्यूटी सोप बार अपनी रूचि और क्रिएटिविटी के आधार पर बना सकेंगी आप अपने घर पर तो प्रयुक्त क्र सकेंगी और अपनी जान पहचान और जानकारी में भी उसे गिफ्ट के तौर पर या व्यापार के तौर पर …

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चावल का फोर्टीफिकेशन और हमारा भविष्य

दीपक राघव इस तरह के अनाज आगे जाकर कैंसर का कारण बनेंगे प्रकृति के साथ खिलवाड़ अब हमारे देश में एक नया षड्यंत्र कंपनियां करवा रही हैं, जिसमें गरीबों को मिलने वाले चावल को फोर्टिफाइड करने की घोषणा कर रहे हैं “राशन की दुकान पर मिलने वाला चावल हो, मिड-डे मील में बालकों को मिलने वाला चावल हो। वर्ष 2024 तक हर योजना के माध्यम से मिलने वाला चावल फोर्टिफाइड कर दिया जाएगा”। महिलाओं और बच्चों के कुपोषण की समस्या …

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श्री हनुमान चालीसा अर्थ सहित

श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि।बरनऊँ रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।गुरु महाराज के चरण.कमलों की धूलि से अपने मन रुपी दर्पण को पवित्र करके श्री रघुवीर के निर्मल यश का वर्णन करता हूँ, जो चारों फल धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को देने वाला हे। •••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरो पवन कुमार।बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार।हे पवन कुमार! मैं आपको सुमिरन.करता हूँ। आप तो जानते ही हैं, कि मेरा शरीर और बुद्धि निर्बल …

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सनातन संस्कृति का मजबूत अंग है हमारा बाल्मीकि समाज

कैसे है वाल्मीकि समाज सनातनधर्म का अभिन्न अंग अरुण लवानिया अंग्रेजों के समय से ही सनातन की इमारत से एक एक कर ईंटों को सरकाने का षड़यंत्र चला आ रहा है। इसके पीछे जिसका भी का हाथ है उसका चेहरा हमसे अब छिपा नही है , कागजी स्वतंत्रता यानी ट्रांसफर ऑफ़ पॉवर के पश्चात उपजी नयी प्रजातियां जैसे नकली बौद्ध और वामपंथी भी इस कार्य में जुटे हैं। जातिविहीन समाज की बात करने वाले ऐसे तत्व जातियों की ही दुहाई …

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पूंजी के पहाड़ से निकलेगा किसानों और कारीगरों की समस्या का समाधान।

मसला आज दुनिया अब ऐसे दौर में पहुंच चुकी है जहां सब कुछ पूंजी के सहारे चल रहा है और बड़े बड़े आर्थिक किले हमारे चारों और उद्योगपतियों ने बनाये हैं जिनकी मदद से वो सुबह शाम दिन रात अपने प्रोडक्ट्स एवं सर्विसेज के माध्यम से पैसा खींच रहे हैं। ग्रामीण इकॉनमी में पैसा आता तो है लेकिन रुकता नही है क्योंकि सुबह आँख खुलते ही व्हाट्सएप्प का स्टेटस चेक करने के साथ ही खर्चा होना चालू हो जाता है …

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