लाला हरदेव सहाय की पुस्तक गाय ही क्यों आज भी है प्रासंगिक और 19 जुलाई 2023 को दिल्ली में पुन:प्रकाशन का होगा लोकार्पण

एक लाला राजकुमार अग्रवाल जी हैं जो जींद में रहते हैं मेरी उनसे कभी आमने सामने मुलाकात नहीं हुई हैं लेकिन मैं उनसे स्वर्गीय लाला हरदेव सहाय जी के माध्यम से जुड़ा हूँ। आप में से ज्यादातर लोगों ने कभी लाला हरदेव सहाय जी का नाम नहीं सुना होगा साल 2021 के तीन अगस्त तक मैंने भी कभीं नहीं सुना था और अचानक एक दिन मेरा दफ्तर के काम से जिला हिसार के पिंड छोटी सातरोड जाना हुआ। वहां रहते …

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फसल अवशेष प्रबंधन के लिए सही मशीने कैसी होनी चाहियें 

किसान सुरेंद्र सिहाग जी जागृत कृषि ऋषि हैं और इनका पिंड ढींगावाली है जो पंजाब के अबोहर टाउन से लगभग 28 किलोमीटर दूर है। अपने परिवार की कुल लगभग 115 एकड़ भूमि पर सन 1992 से जैविक खेती के प्रयोगों को चरणबद्ध तरीके से करते आये हैं। जो भी लोग इन्हें जानते हैं वो इनके व्यवहार और इनोवेटिव सोच के चलते इनके प्रति श्रद्धा का भाव रखते हैं।कृषि नीतियों पर इनका बड़ा शोध रहता है आज सुबह इन्होंने अपना बहुमूल्य …

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सीड जर्मिनेशन टेस्ट का सांस्कृतिक रूप है हरेला पर्व

साल 2001 से 2004 तक मेरी पोस्टिंग उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में रही जहाँ मेरा काम आम जन द्वारा किये जा रहे आविष्कारों और परम्परागत ज्ञान के सर्वश्रेष्ठ उदहारणों को ढूंढ कर उन्हें सीख कर उनका अभिलेखन करना था और भारत सरकार के विभाग नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन को भेजना था। मैंने कुमाऊं क्षेत्र के कोने कोने में अनेकों यात्रएं की वहां लोगों के घरों में रहा और उनके रहन सहन खान पान कृषि पशुपालन और संस्कृति विषय पर अनगिनत चर्चाएं …

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ग्रीनहाउस गैसेस के नाम पर काटी जा रही हैं खेती किसानी के जड़ें

खबर आयरलैंड से डेवेलोप हो रही हैं जहाँ किसान सड़कों पर अपने ट्रैक्टर्स आदि लेकर आये हैं और आयरिश सरकार के एक फरमान का विरोध जता रहे हैं जिसके तहत ग्रीनहाउस गैसेस का हवाला देकर दो लाख दूध देने वाली गायों का कत्ल  किया जाना है और वहां कि व्यवस्था किसानों से जबरदस्ती उनकी दुधारू गायें लेकर उन्हें कत्ल करने की योजना पर काम कर रही है भारत में किसानी मामलों के जानकार और किसानों की आवाज डॉ देवन्द्र शर्मा …

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राजपाल माखनी और जीवन शैली के सीक्रेटस

इस जगत में सबसे ज्यादा ध्यान रखने वाली यदि कोई चीज है तो वो है हमारा शरीर लेकिन मैं खुद ही इसका ध्यान नहीं रख पाया हूँ इस बात कि समझ मुझे सरदार राजपाल माखनी जी का अनुभव सुनकर ज्यादा बेहतर तरीके से आई है नाभा पटियाला निवासी सरदार राजपाल माखनी साहब ने अपनी टिपिकल मोस्ट कॉमन जीवन शैली के चलते एकसमय अपने शरीर को इतना खराब कर लिया था कि डॉक्टर्स नें उनकी एक आँख और आधे शरीर को …

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बहुत याद आते हैं सरदार हरविन्द्र सिंघ आत्मा जी

harvinder singh atma

एक साल से भी ज्यादा समय बीत गया पिछले साल सितम्बर महीने की एक उदास सी शाम को जब मैं नारायणगढ़ से लौट रहा था तो अचानक से व्हाट्सएप्प पर एक संदेश प्राप्त हुआ जो सीनियर साथी श्री हरविंद्र सिंह आत्मा जी Harvinder Singh Atma के बारे में था। संदेश का ले आउट देख कर ही झटका लग गया और बड़े ही बोझिल मन से पढ़ा गया। आँखों के सामने अँधेरा था और दिमाग सुन्न। दो साल पहले ही नाबार्ड …

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करवाचौथ व्रत एवं पूजन विधि

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करवा चौथ का महत्व करवा चौथ व्रत का हिन्दू संस्कृति में विशेष महत्त्व है। करवा चौथ का त्यौहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी में मनाया जाता है। करवा चौथ में दो शब्द हैं। पहला शब्द करवा है, जिसका अर्थ होता है कि मिट्टी से बना बर्तन जबकि चौथ से आशय चतुर्थी तिथि से है। मान्यता है कि करवा का प्रयोग जीवन में सुख-समृद्धि को दर्शाता है। इस दिन विवाहित स्त्रियाँ अपने पति के लिये विधि विधान के साथ …

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जनता गर्ल्स पी.जी. कॉलेज ऐलनाबाद की अद्भुत गाथा

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जनता गर्ल्स पी.जी. कॉलेज ऐलनाबाद Ellenabad की कहानी बेहद रोचक और अत्यंत प्रेरणादायक है और आज मुझे अचानक ही मालूम चली हुआ यूं कि आज दफ्तर के काम से मुझे ऐलनाबाद आना पड़ा जो कि हरियाणा राज्य के सिरसा जिले का छोटा सा टाउन है। यहाँ मेरे मित्र मार्गदर्शक श्रीमान शीशपाल हरदू जी Shishpal Hardu रहते हैं। जिनके सानिध्य में आज सभी ऑफिशियल दायित्वों का निर्वहन हो रहा था। दरअसल आज किसान संचार और विंगीफाई फाउंडेशन नई दिल्ली की ओर …

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ANCIENT INDIAN JURISPRUDENCE

  Justice Markandey Katju, Judge, Supreme Court of India Speech delivered on 27.11.2010 at Banaras Hindu University, Varanasi In ancient India not only was there tremendous development of mathematics, astronomy, medicine, grammar, philosophy, literature, etc. but there was also tremendous development of law. This is evident from the large number of legal treatises written in ancient India (all in Sanskrit). Only a very small fraction of this total legal literature survived the ravages of time, but even what has survived …

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