नास की जड़ फ्री रैडिकल्स और उनका तोड़

फ्री रैडिकल्स और ऐंटीऑक्सीडैंट्स ऑक्सीजन एक ऐसी चीज है जिसके बिना जीवन की हम कल्पना भी नहीं कर सकते। विडम्बना है कि यही ऑक्सीजन कुछ विशेष परिस्थितियों में हमारे शरीर को बहुत अधिक क्षति भी पँहुचा सकता है, इतनी कि कुछ वैज्ञानिक इसे कर्करोग या वृद्धावस्था लाने के लिए बहुत हद तक जिम्मेदार ठहराते हैं। फ्री रैडिकल्स या रिऐक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज (आरओएस) की जानकारी डाक्टरी हलके के बाहर शायद कम को हो किन्तु उन के काट “ऐंटीऑक्सीडैंट्स” के नाम सबों …

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चीका टाउन वाले मित्र रमेश बिश्नोई जी

पिछले साल आज ही के दिन चीका टाउन में 27 साल के लंबे अरसे के बाद Ramesh Chander Bishnoi भाई साहब जी से मुलाक़ात हुई थी। स्कूल में दसवीं पढ़ने के बाद सब इधर उधर हो गए और फ़िर भगवान फेसबुक जी की असीम कृपा से सब नेटवर्क में जुड़ते चले गए। पिछले साल जब चीका टाउन में एक कठिन परपफेशनल अस्साइनेमेंट लेकर गया था जो बस मित्र नेटवर्क की बदौलत ही सीधे रास्ते पर चढ़ पाई।रमेश भाई साहब एक …

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जिला यमुनानगर हरियाणा के दस गाँवों में जन्म ले रही है वैचारिक और औद्योगिक क्रान्ति

रीड इंडिया संस्था गुरुग्राम के सहयोग से 150 महिलाओं को जड़ी बूटी और खाद्य प्रसंस्करण पर बेसिक ट्रेनिंग और एक आर्थिक संगठन के गठन के उद्द्देश्य से यमुनानगर जिले में एक मूक वैचारिक क्रांति उभर रही है।गांव कस्बे की किसी भी दुकान में गांव का बना हुआ कोई भी सामान नही मिलता। सारा सामान बड़े शहरों में बनी फैक्टरियों से घूमता घमाता कस्बों गांवों के नुक्कड़ की दुकानों में भरा रहता है और सुबह उठने से लेकर रात को सोने …

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खुदगब्बर तनुज खुराना एक परिचय

साल भर पहले की बात है मैं शाहाबाद टाउन में मित्र रजत सतीजा के शो रूम पर एक युवा कारोबारी से मिला था जिसका नाम था तनुज खुराना था और तारीख थी 18 अगस्त 2020 अभी दो दिन पहले मैं फिर शाहबाद गया था और मैंने अपने स्थानीय संपर्क रजत भाई से अपडेट लिया था तो उन्होंने बताया था कि पिछले एक साल में खुदगब्बर ने बहुत तरक्की कर ली है। शाहबाद जैसे छोटे टाउन से कारोबारी संभावनाओं की आप …

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दाल और मेहमान

एक बार की बात है एक आदमी अपणी घरआली तै बोल्या: आज मेरे दफ्तर के यार खाणा खाण आवेंगे कीमे आछ्या बणा लिए घरआली बोली: जी घर नै तो कीमे ना बच रहया बस दाल ए सै! आदमी बोल्या बस तू दाल ए बणा लिए और वे आवेंगे जद भीतर तै बर्तन नीचै पटके जाइए, मैं कहूँगा के होया तूकहिये खीर पड़गी, फेर कहिये हलवा पड़ग्या, नु करदे करदे सारी चीज गिणा दिए! फेर मैं कहूँगा के बच्या सै तू …

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शेरो शायरी कलेक्शन

हरियाणा कृषि विश्विधालय में मैं साल 1997 से लेकर मार्च 2000 तक बतौर डिपार्टमेंट ऑफ़ फ़ूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी का छात्र रहा और साल 1998 में हमारे से जूनियर बैच में एक साथी आया महावीर डांगी। जो डॉ डैंग के नाम से हमारे आपसी जूनियर सीनियर भाई चारे में आगे चलकर मशहूर हुआ। महावीर की खासियत यह थी कि उसे सैंकड़ों हज़ारों शेर याद थे और किसी भी स्थिति पर वो शेर सुना सकता था। मैं हमेशा यह सोचता था …

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ताई की गवाही आला मुकद्दमा

एक बार एक मुक्कदमे में ताई गवाह बना दी ! ताई जा के कटघरे में खड़ी हो गयी और बाई चांस दोनू वकील भी ताई के गाम के ही थे पहले वकील नै बात शुरू करण के मारी ताई तै पूछ्या “अक ताई तू मन्ने जाने है? ताई बोली “हाँ रै तू रामफूल का है ना तेरा बाबू तो भाई घणा सूधा आदमी था पर तू कत्ति निक्कमा लिकडया मन्ने सुण्या है तू नम्बर का झूठा है और झूठ बोल …

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चमत्कारी प्रतिभा के धनी लाला जगदीश जैन जी नई अनाज मंडी रोहतक वाले

ये लाला जगदीश जैन जी हैं। रोहतक में नई अनाज मंडी में इनका बारदाने का खानदानी काम है। साल 1998 में जब हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में एम. एस. सी. का छात्र था तो उन दिनों आजादी बचाओ आंदोलन के कार्यक्रम के में रोहतक में लाला जगदीश जैन जी से परिचय हो गया था । ये और इनका छोटा बेटा पांडु रात रात भर सडकों मोहल्लों में पोस्टर लगाते थे। साल 2000 मैं पढाई पूरी करके इंडियन आर्गेनिक फ़ूड नई दिल्ली …

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समाज-तकनीक-वर्तमान-भूतकाल और भविष्य

29 जुलाई 2019, ग्राम अन्जन्थली, करनाल, हरियाणा , भारत आज सुबह चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर 11 बजे युवा लेखक शिव्या जी से अप्पोइंटमेन्ट थी जो गोआ चंडीगढ़ फ्लाइट से आई थी। आने का मकसद किसान संचार द्वारा किसानों को दी जा रही मौसम आधारित सूचनाओं से उपजे प्रभाव का अध्यन करना और फिर एक लेख में लिपिबद्द करना। खैर सारे काम कूम खत्म करने के बाद मैडम शिव्या जी से उनकी शिक्षा दीक्षा के बारे में बात हुई तो उन्होंने बताया …

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समय बेहद कीमती है इसे नष्ट ना करें

जीवन में समय का अत्यंत महत्व है क्यूंकि समय तो निरंतर चलता रहता है और जीव को जीवन में समय सीमित मिलता है इसीलिए परमात्मा द्वारा प्रदत्त इस अनुपम गिफ्ट को हमें भरपूर जीने का प्रयास करना चाहिए क्यूंकि यही एक ऐसा प्राकृतिक संसाधन है जो पूरी तरह से तब तक हमारे हाथ में है जब तक जीवन की डोर अटूट है