राजीव भमराल की कलम से
वैसे तो हर जीव निर्जीव में परमात्मा का अंश होता है लेकिन जो तरंगे आपके अंदर स्पंदन करती हैं वैसे माहौल में यदि परमात्मा आपको ले जाये तो खुद को खुशकिस्मत समझना चाहिए। ज़नाब राजीव… राजीव भमराल की कलम से
वैसे तो हर जीव निर्जीव में परमात्मा का अंश होता है लेकिन जो तरंगे आपके अंदर स्पंदन करती हैं वैसे माहौल में यदि परमात्मा आपको ले जाये तो खुद को खुशकिस्मत समझना चाहिए। ज़नाब राजीव… राजीव भमराल की कलम से