Bluetooth and Karn Pishchani

ब्लूटूथ और कर्णपिशाचनी साल 2014 की बात है हम CABI डायरेक्ट टू फार्म प्रोजेक्ट के आखिरी राउंड में थे जिसमें 3 महीनों में लगभग 4 लाख किसानों का प्रोफाइल तैयार किया जाना था और तब न दिन का पता होता था और न रात का, अक्सर दिल्ली मीटिंग्स में भी जाना पड़ता थाऔर रातों रात सफ़र करके सुबह दिल्ली पहुंच जाया करते थे। नवम्बर 2014 की वो कोई रात थी और रात को एक दस पर चंडीगढ़ से चलने वाली कालका मेल पकड़नी थी और मैं बस  बड़ी ही बेतरतीबी वाली हालत में दफ्तर से ही भाग कर आया था। …

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