लाला जी का बदला

ajay sangita godara web

कल देर शाम अजय गोदारा भाई जी के साथ चाय पर बैठा था तो इन्होंने किसी रेफरेंस में एक किस्सा सुनाया ठेठ बागड़ी बोली में। एक बार की बात है एक लाला जी अपने पोते को लेकर शेव बनवाने के लिए इलाके के मशहूर नाई की दुकान पर गया तो वहाँ नाई देवता नदारद मिले वहाँ एक नया कारिंदा मिला। ऑप्शन कोई दूसरी नहीं थी सो कारिंदे के सामने गर्दन झुका कर बैठ गए और कारिंदे ने पहले जम कर …

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