प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़े महत्वपूर्ण अपडेट अगस्त 2025

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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana – PMFBY) भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसे 2016 में शुरू किया गया था, ताकि किसानों को प्राकृतिक आपदाओं (Natural Disasters), कीटों (Pests), और रोगों (Diseases) से होने वाले फसल नुकसान (Crop Loss) से आर्थिक सुरक्षा (Financial Security) प्रदान की जा सके। यह योजना किफायती प्रीमियम (Affordable Premium) और व्यापक जोखिम कवरेज (Comprehensive Risk Coverage) के साथ किसानों की आय को स्थिर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वर्ष 2025 में, इस योजना में कई महत्वपूर्ण अपडेट (Updates) किए गए हैं, जिनमें आवेदन की अंतिम तिथि (Deadline) में विस्तार, तकनीकी प्रगति (Technological Advancements), और क्लेम प्रक्रिया (Claim Process) में सुधार शामिल हैं। ये अपडेट किसानों को अधिक पारदर्शिता (Transparency), दक्षता (Efficiency), और समय पर मुआवजा (Timely Compensation) सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। आइए, इन नवीनतम अपडेट्स पर एक नज़र डालें।

नरसाना के किसानों का फसल बीमा में देरी के खिलाफ विरोध

जालोर, राजस्थान के नरसाना पंचायत समिति क्षेत्र के किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत क्लेम में देरी को लेकर गहरा असंतोष व्यक्त किया है। सूखा, अत्यधिक बारिश और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे 2,000 से अधिक किसानों ने सांसद को ज्ञापन सौंपकर त्वरित कार्रवाई की मांग की है।

किसानों का आरोप है कि बीमा कंपनियां और संबंधित विभाग समय पर सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार नहीं कर रहे हैं। प्रीमियम की राशि तो समय पर काट ली जाती है, लेकिन क्लेम का भुगतान महीनों या फिर सालों तक लटका रहता है। वर्ष 2022 से 2025 तक लगातार फसल खराब होने के बावजूद, प्रति किसान 20,000 से 50,000 रुपये के नुकसान का आकलन होने के बाद भी कोई राहत नहीं मिली है। बीमा कंपनियों ने भी कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है।

गाजीपुर उत्तर प्रदेश में 30 अगस्त तक बढ़ी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अंतिम तिथि

गाजीपुर में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने इस योजना की अंतिम तिथि को बढ़ा दिया है। अब गैर-ऋणी किसान 30 अगस्त 2025 तक अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं।

इसके लिए किसानों को अपने आधार कार्ड, स्व-प्रमाणित फसल बुवाई घोषणा पत्र, नवीनतम खतौनी की प्रति, और बैंक पासबुक की छायाप्रति (आईएफएससी कोड सहित) के साथ नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर या बैंक शाखा में जाकर प्रीमियम राशि जमा करनी होगी।

यह योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, कीटों, और अन्य जोखिमों से होने वाले नुकसान से सुरक्षा प्रदान करती है। अधिक जानकारी के लिए किसान अपने नजदीकी बैंक या कॉमन सर्विस सेंटर से संपर्क कर सकते हैं।

बलिया में खरीफ सीजन के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की तारीख बढ़ी

बलिया में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister’s Crop Insurance Scheme) के तहत खरीफ सीजन (Kharif Season) के लिए धान (Paddy), मक्का (Maize), केला (Banana), और मिर्च (Chili) की फसलों को अधिसूचित (Notified) किया गया है। जिला कृषि अधिकारी (District Agriculture Officer) पवन कुमार प्रजापति ने बताया कि पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (Restructured Weather-Based Crop Insurance Scheme) का लाभ अधिक से अधिक किसानों को मिले, इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

इसी के तहत गैर-ऋणी किसानों (Non-Loanee Farmers) के लिए बीमा (Insurance) कराने की अंतिम तिथि (Deadline) को 14 अगस्त से बढ़ाकर 30 अगस्त 2025 तक कर दिया गया है। ऋणी किसानों (Loanee Farmers) के लिए भी अंतिम तिथि 30 अगस्त निर्धारित की गई है। किसान अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (Common Service Center) या बैंक शाखा (Bank Branch) में आवश्यक दस्तावेज जमा करके अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं।

महाराष्ट्र राज्य में वैयक्तिक नुकसान (Personal Loss) भरपाई का ट्रिगर (Trigger) हटाया गया

महाराष्ट्र राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश के कारण किसानों की फसलों को भारी नुकसान (Damage) हो रहा है। हालांकि, इस साल इस नुकसान की भरपाई (Compensation) नहीं मिलेगी। सरकार ने संशोधित फसल बीमा योजना (Crop Insurance Scheme) से स्थानीय प्राकृतिक आपदा (Natural Disaster) को एक महत्वपूर्ण ट्रिगर (Trigger) के रूप में हटा दिया है। इसके परिणामस्वरूप, अब किसानों को केवल फसल कटाई प्रयोग (Crop Cutting Experiment) के आधार पर ही मुआवजा (Compensation) मिलेगा।

यह बदलाव (Amendment) किसानों के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है, क्योंकि स्थानीय आपदाओं (Disasters) जैसे ओलावृष्टि (Hailstorm), भूस्खलन (Landslide) या बाढ़ (Flood) से होने वाले नुकसान की भरपाई अब इस योजना के तहत नहीं होगी। महाराष्ट्र राज्य के किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अधिक जानकारी के लिए स्थानीय कृषि विभाग (Agriculture Department) या बीमा प्रदाता (Insurance Provider) से संपर्क करें।

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