कर्नाटक कृषि समाचार

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तुमकुरु में अड़के की उपज घटी

कर्नाटक के तुमकुरु जिले में अड़के (areca nut) की उपज में कमी से किसान चिंतित हैं। बारिश की कमी और अन्य कारणों से उत्पादन प्रभावित हुआ है। किसान सरकार से समर्थन की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन अभी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

कलबुरगी में फसल क्षति का सर्वेक्षण

बीमा हेल्पलाइन: बीमा कंपनी का टोल-फ्री नंबर या सहायक कृषि निदेशक कार्यालय में शिकायत

कलबुरगी में डीसी ने भारी बारिश से फसल नुकसान का संयुक्त सर्वेक्षण शुरू करने को कहा। 2-3 दिनों में रिपोर्ट आएगी। किसानों को बीमा कंपनियों से शिकायत दर्ज करने के लिए कहा गया है। इससे फसलों की बर्बादी का आकलन होगा।

तुंगभद्रा बाढ़ से नुकसान

बल्लारी जिले के कांपली में तुंगभद्रा नदी की बाढ़ से किसानों और मछुआरों को नुकसान हुआ। मछली पकड़ने पर रोक लगी है, जिससे उनकी आय प्रभावित हुई। प्रशासन ने अभी कोई सहायता की घोषणा नहीं की।

मलप्रभा नदी में बाढ़

गदग जिले के नरगुंद में मलप्रभा नदी में बाढ़ से नविलुतीर्थ बांध और कई गांव प्रभावित हुए। पानी गांवों में घुस गया, जिससे फसलें बर्बाद हुईं। किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं।

होन्नाली में मिश्रित अनुभव

दावणगेरे के होन्नाली तालुके में बारिश से मूंगफली की फसल को फायदा हुआ, लेकिन अड़के और कॉफी की फसलें प्रभावित हुईं। मक्का की 80 प्रतिशत फसल अच्छी स्थिति में है। किसानों को मिश्रित परिणाम मिल रहे हैं।

यदगिरी में किसानों की सराहना

यदगिरी में शिवकुमार स्वामीजी ने किसानों की मेहनत की तारीफ की। उन्होंने मिट्टी की गुणवत्ता के आधार पर खेती करने की सलाह दी। यह किसानों के लिए प्रोत्साहन है।

गदग में हरा चना नष्ट

गदग में भारी बारिश से हरा चना (green gram) की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। किसान परेशान हैं और मुआवजे की मांग कर रहे हैं। बारिश ने उनकी आय को प्रभावित किया है।

दावणगेरे में लहसुन फसल तबाह

दावणगेरे में भारी बारिश से 300 एकड़ लहसुन की फसल (garlic crop) नष्ट हो गई। किसानों को भारी नुकसान हुआ है और वे सरकार से मदद की उम्मीद कर रहे हैं।

सांसदों ने अड़के, नारियल के लिए समर्थन मांगा

कर्नाटक के सांसदों ने केंद्र से अड़के और नारियल किसानों के लिए जीएसटी कटौती और आयात प्रतिबंध की मांग की। इससे किसानों को आर्थिक राहत मिल सकती है।

फसल क्षति के लिए बीमा और मुआवजे की मांग

कर्नाटक में फसल क्षति के लिए बीमा और मुआवजे की मांग बढ़ी है। किसान बारिश से हुए नुकसान की भरपाई चाहते हैं।