दैनिक कृषि खबर बुलेटिन 18 अगस्त 2025

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किसान भाईयों आपकी सेवा में प्रस्तुत है दैनिक कृषि खबर बुलेटिन। किसान भईयों मैं आपके लिए पूरे भारत और आस पास के देशों में कृषि सेक्टर में हो रही तमाम घटनाओं पर नज़र रखता हूँ और सभी महत्वपूर्ण अपडेट आपके लिए प्रस्तुत हैं।

राज्यवार समाचार

अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh)

अरुणाचल प्रदेश में 99.26 प्रतिशत किसानों को मिले किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Cards)

इटानगर (Itanagar) में मुख्यमंत्री पेमा खांडू (Pema Khandu) ने घोषणा की कि अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के लगभग 100 प्रतिशत किसानों के पास उनकी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Cards) हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर साझा किया कि अब तक 96,492 किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Cards) जारी किए गए हैं, जिससे 99.26 प्रतिशत संतृप्ति (saturation) हासिल हुई है। एक अधिकारी ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना (KCC scheme) किसानों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण रही है। संशोधित ब्याज अनुदान योजना (Modified Interest Subvention Scheme) के तहत ऋण सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने से इस वर्ष के बजट में किसानों को सशक्त बनाने और कृषि उत्पादकता (agricultural productivity) बढ़ाने की सरकारी प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया है। मुख्यमंत्री खांडू ने कहा कि क्रेडिट से लेकर फसलों, उपकरणों से लेकर तकनीक तक, अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के किसान उच्च उत्पादकता (higher productivity), स्थिरता (sustainability) और समृद्धि की ओर बढ़ रहे हैं। भारत की 46.1 प्रतिशत आबादी कृषि और संबद्ध गतिविधियों में लगी हुई है, इसलिए किसानों के लिए वित्तीय सुरक्षा और सुलभ क्रेडिट सुनिश्चित करना केंद्र सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। केंद्रीय बजट 2025-26 (Union Budget 2025-26) में कृषि वित्तपोषण को मजबूत करने के उपाय शामिल हैं, विशेष रूप से किसान क्रेडिट कार्ड योजना (KCC scheme) के माध्यम से। पिछले नौ वर्षों में किसान-अनुकूल योजनाओं और गतिविधियों से अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) का कृषि-संबद्ध क्षेत्र तेजी से विकास और परिवर्तन का अनुभव कर रहा है। वित्तीय सहायता में पीएम-किसान योजना (PM-Kisan scheme) के तहत 99,656 किसानों को 142.67 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। राज्य में 1,02,295 किसानों को मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड (Soil Health Cards) दिए गए हैं। पीएम-पेर ड्रॉप मोर क्रॉप योजना (PM-Per Drop More Crop scheme) के तहत 26,163 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया गया, जिससे 5,658 किसानों को लाभ हुआ। मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट (Mission Organic Value Chain Development) के तहत 15,099 किसानों को सहायता दी गई, जिसमें अब तक 23.25 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। खेती को आधुनिक बनाने के लिए पिछले नौ वर्षों में 42,418 आधुनिक कृषि उपकरण (modern farm tools) वितरित किए गए हैं।

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)

सोयाबीन फसल पर स्टेम फ्लाई (Stem Fly) का हमला, कृषि विभाग ने जारी की फसल बचाने की सलाह

भारत के कई राज्यों में तिलहन फसल के रूप में उगाई जाने वाली सोयाबीन इस वर्ष स्टेम फ्लाई (Stem Fly) कीट से प्रभावित हुई है। यह कीट मुख्य रूप से सोयाबीन पौधों की डंठलों में सुरंग बनाता है। कीट अंकुरण के 10 से 30 दिनों के बीच फसल पर हमला करता है, जिससे पौधों की वृद्धि रुक जाती है, पत्तियां पीली पड़ जाती हैं और समय से पहले गिर जाती हैं। गंभीर मामलों में पौधे पूरी तरह सूख सकते हैं। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सेहोर जिले (Sehore district) में विभिन्न गांवों और खेतों से रिपोर्ट आई है, जहां कृषि विज्ञान केंद्र (Krishi Vigyan Kendra) के सर्वेक्षण से पता चला है कि कीट का प्रभाव मध्यम से गंभीर स्तर पर है। कृषि विभाग (agriculture department) ने किसानों को फसल बचाने के लिए सलाह जारी की है। स्टेम फ्लाई (Stem Fly) कीट डंठलों में सुरंग बनाता है, जहां इसके लार्वा (larvae) विकसित होते हैं। लक्षणों में डंठल की बाहरी त्वचा के नीचे सफेद सुरंगें दिखाई देती हैं, पत्तियां पीली होकर गिरती हैं, वृद्धि धीमी हो जाती है और गंभीर मामलों में पौधा मुरझाकर सूख जाता है। डंठल छीलने पर सुरंग जैसे रास्ते और लार्वा (larvae) दिखाई देते हैं। बचाव के उपायों में समय पर बीज बोना, बहुत जल्दी या देर से बोने से बचना, फसल चक्रण (crop rotation) अपनाना और हर साल एक ही खेत में सोयाबीन न उगाना शामिल है। केवल स्वस्थ और प्रमाणित बीज (certified seeds) का उपयोग करें। बोने से पहले बीजों को थायमेथॉक्सम 30 प्रतिशत (Thiamethoxam 30%) से 10 मिलीलीटर प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें। यदि बोने के बाद 10 दिनों से अधिक संक्रमण हो तो रासायनिक नियंत्रण करें: इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत (Imidacloprid 17.8%) को 0.3 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी या 150 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। वैकल्पिक रूप से फ्लोनिकैमिड 50 प्रतिशत (Flonicamid 50%) को 0.3 ग्राम प्रति लीटर या 120 ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से उपयोग करें। छिड़काव सुबह या शाम करें।

ओडिशा (Odisha)

बीजेडी (BJD) 18 अगस्त को बरगढ़ में किसान सम्मेलन का आयोजन करेगी, राज्य सरकार की किसान विरोधी नीतियों का विरोध

बिजू जनता दल (Biju Janata Dal – BJD) ने खरीफ मौसम (kharif season) के लिए नई पंजीकरण नीति (new registration policy) से जुड़ी समस्याओं के बीच राज्य सरकार की ‘किसान-विरोधी नीतियों’ (anti-farmer policies) के खिलाफ 18 अगस्त को बरगढ़ (Bargarh) में एक बड़े सम्मेलन का ऐलान किया है। बरगढ़ (Bargarh) को ओडिशा (Odisha) के सबसे बड़े कृषि जिलों में से एक बताया गया है, जो राज्य के कृषि उत्पादन (farm output) में महत्वपूर्ण योगदान देता है और यहां किसानों में असंतोष बढ़ रहा है। बीजेडी (BJD) उपाध्यक्ष प्रसन्न आचार्य (Prasanna Acharya) ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह जानबूझकर किसानों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया (registration process) में बाधाएं पैदा कर रही है, और नई नीति ने कई किसानों को सब्सिडी (subsidies) से वंचित कर दिया है, जो उन्हें कमजोर करने की सोची-समझी चाल है। विरोध के हिस्से के रूप में, बीजेडी (BJD) 18 अगस्त को बरगढ़ (Bargarh) के गणेश राम भवन (Ganesh Ram Bhavan) में बड़ा जमावड़ा आयोजित करेगी, उसके बाद कलेक्टर कार्यालय (collector’s office) तक रैली निकाली जाएगी। रैली के दौरान किसानों की शिकायतों को उजागर करने वाला ज्ञापन बरगढ़ कलेक्टर (Bargarh collector) के माध्यम से राष्ट्रपति को सौंपा जाएगा। आचार्य ने चेतावनी दी कि यदि सरकार पंजीकरण मुद्दे (registration issue) और अन्य दबावपूर्ण समस्याओं को तुरंत हल नहीं करती, तो बीजेडी (BJD) आने वाले दिनों में विधानसभा (Assembly) में यह मुद्दा उठाएगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता प्रसन्न आचार्य (Prasanna Acharya) ने की और इसमें पदमपुर विधायक बर्शा सिंह बरिहा (Padampur MLA Barsha Singh Bariha), पूर्व मंत्री स्नेहंगिनी छुरिया (Snehangini Chhuria) और रीता साहू (Rita Sahu), पूर्व बरगढ़ विधायक देबेश आचार्य (former Bargarh MLA Debesh Acharya), बीजेडी जिला अध्यक्ष सुशांत मोहापात्रा (BJD district president Sushant Mohapatra) और अन्य पार्टी नेता मौजूद थे। 14 अगस्त को संयुक्ता क्रुशक संगठन (Sanjukta Krushak Sangathan) ने पंजीकरण मुद्दे पर राजमार्ग अवरोध (highway blockade) का आह्वान किया था, लेकिन पुलिस ने लगभग 250 किसानों को निवारक हिरासत में ले लिया। किसानों ने कलापानी (Kalapani) के पास राष्ट्रीय राजमार्ग (national highway) अवरुद्ध करने की योजना बनाई थी और वे जिले भर से उठाए गए थे। इससे पहले, जय किसान आंदोलन (Jay Kisan Andolan) के सदस्यों ने बरगढ़ कलेक्टर कार्यालय (Bargarh collector’s office) का घेराव किया था।

हरियाणा (Haryana)

हरियाणा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्य में पशु कल्याण के लिए अनुदान की घोषणा की

कुरुक्षेत्र (Kurukshetra) में हरियाणा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) ने जनमाष्टमी (Janmashtami) के अवसर पर एक निजी संस्थान में गौशाला चारा अनुदान वितरण कार्यक्रम (Gaushala Fodder Grant Distribution Programme) में भाग लिया। उन्होंने भगवान कृष्ण (Lord Krishna) की जयंती को गौ भक्तों के बीच मनाने पर खुशी व्यक्त की और सभी पशुपालकों (cattle rearers) तथा गौशाला प्रबंधकों (gaushala managers) को बधाई दी। सैनी ने गौ संरक्षण (cow protection) और गौशाला विकास (gaushala development) के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई, और कहा कि वेदों (Vedas) में गौ की महानता का विस्तार से वर्णन है। सरकार बनने के तुरंत बाद उन्होंने राज्य विधानसभा (state assembly) में गौ संरक्षण विधेयक (Cow Protection Bill) पारित किया। कुरुक्षेत्र जिले (Kurukshetra district) की 19 गौशालाओं (gaushalas) को चारे के लिए 1.80 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। इस वर्ष हरियाणा (Haryana) की गौशालाओं (gaushalas) को 88.50 करोड़ रुपये वितरित किए जाएंगे। अब तक राज्य सरकार ने गौ चारा समर्थन (cow fodder support) के लिए 358.50 करोड़ रुपये जारी किए हैं। पिछले दशक में हरियाणा (Haryana) में 686 गौशालाएं (gaushalas) पंजीकृत हुई हैं, जो 4 लाख से अधिक आवारा पशुओं (stray cattle) को आश्रय और पोषण प्रदान कर रही हैं। 330 गौशालाओं (gaushalas) में सौर ऊर्जा संयंत्र (solar energy plants) स्थापित किए गए हैं, और शेष के लिए प्रक्रिया जारी है। गौशाला संचालन (gaushala operations) के लिए 800 ई-रिक्शा (e-rickshaws) खरीदे जा रहे हैं। बिजली 2 रुपये प्रति यूनिट की सब्सिडी दर (subsidized rate) पर प्रदान की जाती है। गौशाला पंजीकरण (gaushala registries) पर कोई स्टांप ड्यूटी (stamp duty) नहीं लगेगी। 3,000 से अधिक पशुओं वाली गौशालाओं (gaushalas) में पशु चिकित्सा अधिकारी (veterinary officers) साप्ताहिक दौरा करेंगे। छोटी गौशालाओं (gaushalas) में पशु चिकित्सा पशुधन विकास सहायक (Veterinary Livestock Development Assistants – VLDA) साप्ताहिक सेवा देंगे। गांव पशु आश्रयों (village cattle sanctuaries) के लिए 8 करोड़ रुपये जारी किए गए। आवारा पशुओं (stray cattle) के पुनर्वास के लिए 200 चयनित गौशालाओं (gaushalas) में शेड (sheds) बनाने के लिए 10 लाख रुपये प्रति गौशाला प्रदान किए गए। 51 गौशालाओं (gaushalas) में शेड पूरे हो चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के राष्ट्रीय गोकुल मिशन (National Gokul Mission) की सराहना की गई, जो स्वदेशी गौ नस्लों (indigenous cow breeds) के संरक्षण और प्रचार के लिए है। इस योजना के तहत हरियाणा (Haryana) ने 101 गौशालाओं (gaushalas) को आवश्यक मशीनरी (machinery) के लिए 6.50 करोड़ रुपये अनुदान दिया। सैनी ने कहा कि सरकार ने गौशाला विकास (gaushala development) और पशु विरासत संरक्षण (cattle heritage preservation) के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। हरियाणा ऑयल मिल्स एसोसिएशन (Haryana Oil Mills Association) के सदस्यों से बातचीत में सैनी ने बिनोला मशीनों (binola machines – oil extractor and oil-cake fodder making machines) पर एकमुश्त शुल्क को 42,000 रुपये से घटाकर 21,000 रुपये करने की घोषणा की।

मधुमक्खी पालकों को बढ़ावा हरियाणा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शहद को भावांतर भरपाई योजना (Bhavantar Bharpai Yojana) में शामिल करने की घोषणा की

हरियाणा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) ने शनिवार को घोषणा की कि शहद (honey) को बागवानी फसलों (horticulture crops) की तरह भावांतर भरपाई योजना (Bhavantar Bharpai Yojana – BBY) में शामिल किया जाएगा। यह पहल शहद उत्पादकों (honey producers) को उचित मूल्य सुनिश्चित करने और राज्य भर में वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन (scientific beekeeping) को लाभदायक उद्यम बनाने का लक्ष्य रखती है। घोषणा कुरुक्षेत्र (Kurukshetra) के रामनगर (Ramnagar) में मधुमक्खी पालन पर राज्य-स्तरीय कार्यशाला (state-level workshop on beekeeping) के दौरान की गई। सैनी ने घोषणा की कि रामनगर (Ramnagar) के एकीकृत मधुमक्खी विकास केंद्र (Integrated Beekeeping Development Centre – IBDC) में गुणवत्ता परीक्षण (quality testing) की व्यवस्था के साथ शहद बिक्री और भंडारण सुविधा (honey sales and storage facility) स्थापित की जाएगी। सरकार 20 करोड़ रुपये की लागत से गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला (Quality Control Laboratory) स्थापित करेगी। इजराइल (Israel) के सहयोग से विकसित रामनगर संस्थान (Ramnagar institute) को मधुमक्खी पालन (apiculture) में उन्नत और वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए राष्ट्रीय स्तर के केंद्र में ऊंचा किया जाएगा। सैनी ने कहा कि मधुमक्खी पालन ग्रामीण आय (rural incomes) को मजबूत करता है, किसानों को अतिरिक्त कमाई प्रदान करता है और परागण (pollination) से फसल पैदावार बढ़ाता है। उन्होंने हरियाणा (Haryana) की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के ‘स्वीट रेवोल्यूशन’ (Sweet Revolution) के आह्वान को साकार करने की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। मधुमक्खी पालन नीति-2021 (Beekeeping Policy-2021) के तहत राज्य ने 2030 तक 7,750 मधुमक्खी पालकों (beekeepers) तैयार करने और 15,500 मीट्रिक टन शहद (honey) उत्पादन का लक्ष्य रखा है। वर्तमान में रामनगर केंद्र (Ramnagar centre) प्रशिक्षण प्रदान करता है और 74,000 मधुमक्खी बॉक्स (bee boxes) तथा 3.43 लाख कॉम्ब शीट (comb sheets) वितरित किए गए हैं। इसमें शहद प्रसंस्करण और बॉटलिंग (honey processing and bottling) की सुविधाएं हैं। किसानों को मधुमक्खी बॉक्स (bee boxes), कॉलोनियां (colonies) और उपकरणों (equipment) पर 85 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। सैनी ने विविधीकरण (diversification) के महत्व पर जोर दिया, और कहा कि बागवानी (horticulture) और डेयरी (dairy), मत्स्य पालन (fisheries), मधुमक्खी पालन (beekeeping) जैसी संबद्ध गतिविधियां ग्रामीण समृद्धि (rural prosperity) के स्तंभ बन रही हैं। हरियाणा (Haryana) में बागवानी 2014 में 1.17 लाख एकड़ से बढ़कर वर्तमान में 2.60 लाख एकड़ हो गई है, जिसमें किसान उत्पादक संगठन (Farmer Producer Organizations – FPOs), उत्कृष्टता केंद्र (excellence centres), खरीद योजनाएं (procurement schemes) और अब बीबीवाई (BBY) का समर्थन है। उन्होंने युवाओं और महिला उद्यमियों (women entrepreneurs) को अपने शहद ब्रांड (honey brands) लॉन्च करने और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (online platforms) के माध्यम से वैश्विक बाजारों का अन्वेषण करने के लिए प्रोत्साहित किया, और सरकार से पूर्ण वित्तीय और तकनीकी समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन के लिए न्यूनतम भूमि की आवश्यकता होती है और यह आदर्श स्टार्टअप अवसर (startup opportunity) हो सकता है। हरियाणा कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा (Shyam Singh Rana) ने पहल का समर्थन किया, और कहा कि किसानों की आय बढ़ाना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। डेयरी (dairy), पशुपालन (animal husbandry), मत्स्य पालन (fisheries) और मधुमक्खी पालन (beekeeping) जैसे क्षेत्रों को फसलों के साथ बढ़ावा दिया जा रहा है। कार्यशाला में पूर्व मंत्री सुभाष सुधा (former minister Subhash Sudha), वरिष्ठ अधिकारी, कृषि विशेषज्ञ और मधुमक्खी पालक संघों (beekeepers’ associations) के प्रतिनिधि मौजूद थे। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (Agricultural and Processed Food Products Export Development Authority) के अनुसार, लगभग 500 फूल वाले पौधे प्रजातियां (flowering plant species) अमृत और पराग (nectar and pollen) के प्रमुख या छोटे स्रोत के रूप में उपयोगी हैं। केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय-2023 (Union Ministry of Agriculture and Farmers’ Welfare-2023) के अनुसार, भारत का कुल शहद उत्पादन (honey production) 142 हजार मीट्रिक टन (metric tonnes) था। भारत में शहद उत्पादन करने वाले शीर्ष पांच राज्य उत्तर प्रदेश (17 प्रतिशत), पश्चिम बंगाल (16 प्रतिशत), पंजाब (14 प्रतिशत), बिहार (12 प्रतिशत) और राजस्थान (9 प्रतिशत) हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत ने 107,963.21 मीट्रिक टन प्राकृतिक शहद (natural honey) का निर्यात किया, जिसकी कीमत 177.52 मिलियन अमेरिकी डॉलर थी, प्रमुख निर्यात गंतव्य यूएसए (USA), यूएई (UAE), सऊदी अरब (Saudi Arabia), कतर (Qatar) और लीबिया (Libya) हैं। बायोलॉजिकल फोरम जर्नल (Biological Forum journal) में अगस्त 2024 में प्रकाशित लेख “मधुमक्खी पालन: हरियाणा में अवसर और चुनौतियां” (“Beekeeping: Opportunities and Challenges in Haryana”) में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार (Chaudhary Charan Singh Haryana Agricultural University, Hisar) के विशेषज्ञों ने कहा कि हरियाणा (Haryana) में मधुमक्खी पालन की महत्वपूर्ण क्षमता है, क्योंकि राज्य की अनुकूल जलवायु (favorable climate), विविध वनस्पति (diverse flora) और कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था है। यह परागण (pollination) से फसल पैदावार बढ़ाता है और आय विविधीकरण (income diversification) के अवसर प्रदान करता है। हरियाणा (Haryana) शीर्ष सात शहद उत्पादक राज्यों में है, जो सालाना लगभग 4,500 मीट्रिक टन उत्पादन करता है, जिसमें 5,000 से अधिक सक्रिय मधुमक्खी पालक (beekeepers) हैं। राज्य के विविध फसल पैटर्न (cropping patterns), विभिन्न मिट्टी प्रकारों (soil types), सिंचाई सुविधाओं (irrigation facilities), तापमान (temperature), सापेक्ष आर्द्रता (relative humidity) और कृषि-जलवायु स्थितियों (agro-climatic conditions) के कारण यह मधुमक्खी पालन के लिए उपयुक्त है, विशेष रूप से एपिस मेलिफेरा (Apis mellifera) के साथ।

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ब्रज क्षेत्र के विकास के लिए 30,000 करोड़ रुपये की घोषणा की

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने शनिवार, 16 अगस्त 2025 को ब्रज क्षेत्र (Brij region) के विकास के लिए 30,000 करोड़ रुपये की निधि की घोषणा की। विकास योजना का उद्देश्य मथुरा (Mathura), वृंदावन (Vrindavan), बरसाना (Barsana) और गोकुल (Gokul) जैसे तीर्थ स्थलों को जोड़ना है, जो द्वापर युग (Dwapar Yug) से जुड़े हैं। आदित्यनाथ ने कहा, “हमारी सरकार पूजनीय संतों की भावनाओं का सम्मान करने और ब्रज क्षेत्र (Brij region) को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। हम उन कार्यों को संभव बना रहे हैं, जो कभी असंभव माने जाते थे।” उन्होंने कहा कि वैश्विक संकटों के दौरान भारत की आध्यात्मिक विरासत (spiritual heritage) ने स्थायी शांति और सद्भाव का मार्ग प्रशस्त किया है। घोषणा भगवान कृष्ण (Lord Krishna) की 5,252वीं जयंती के अवसर पर की गई, जैसा कि पुजारियों ने बताया। इस अवसर पर आदित्यनाथ ने मथुरा (Mathura) के डंपियर नगर (Dampier Nagar) में पंचजन्य ऑडिटोरियम (Panchjanya Auditorium) में एक कार्यक्रम में संतों को सम्मानित किया। इसके अलावा, उन्होंने मथुरा-वृंदावन (Mathura-Vrindavan) में लगभग 646 करोड़ रुपये की 118 विकास परियोजनाओं (development projects) का उद्घाटन और शिलान्यास किया। कार्यक्रम के दौरान आदित्यनाथ ने कहा, “हम 5,000 वर्षों की पौराणिक इतिहास (mythological history) के साक्षी हैं। श्री कृष्ण जन्माष्टमी (Shri Krishna Janmashtami) के अवसर पर देश और दुनिया से भक्त यहां भक्ति के साथ एकत्र हुए हैं। श्री कृष्ण मथुरा (Mathura) की पवित्र मिट्टी और धूल में निवास करते हैं। दुनिया में कहीं और ऐसी भक्ति मिलना दुर्लभ है।”

आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh)

आंध्र प्रदेश में खरीफ धान की खेती में ब्रॉडकास्टिंग विधि (Broadcasting Method) अपनाने से कम निवेश और अधिक पैदावार

आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में खरीफ मौसम (Kharif season) 2025 में धान की खेती के लिए ब्रॉडकास्टिंग विधि (broadcasting method – vedajallu) को अपनाने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। किसान (annadatas) समाज में महत्वपूर्ण हैं, जो मां धरती पर निर्भर होकर कड़ी मेहनत करते हैं और फसलें उगाते हैं। वे राष्ट्र की रीढ़ हैं, जो खाद्य सुरक्षा (food security) सुनिश्चित करते हैं और देश की समृद्धि में योगदान देते हैं। ‘जय किसान’ (Jai Kisan) जैसे नारे उनकी सराहना करते हैं, और राष्ट्र की भलाई किसानों की भलाई पर निर्भर है। हालांकि, आधुनिक समय में कृषि जुआ बन गई है, जो किसानों में चिंता पैदा करती है। वे वर्षा, प्राकृतिक आपदाओं (natural calamities) और कीट हमलों (pest attacks) से नुकसान झेलते हैं, विशेष रूप से फसल कटाई के समय। इस संदर्भ में, किसान कम निवेश वाली विधियों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, और ब्रॉडकास्टिंग विधि (broadcasting method) लोकप्रिय हो रही है। किसान मानते हैं कि यह विधि कम लागत में उच्च पैदावार देती है। काकीनाडा जिले (Kakinada district) में खरीफ खेती 92,000 हेक्टेयर (2.22 लाख एकड़) पर योजनाबद्ध है, जिसमें 52,000 हेक्टेयर (1.05 लाख एकड़) ब्रॉडकास्टिंग विधि (broadcasting method) के लिए निर्धारित हैं। पहले किसान इस विधि में रुचि नहीं दिखाते थे, लेकिन इस मौसम में वे इसे पसंद कर रहे हैं। अब तक जिले में 80,000 एकड़ से अधिक पर ब्रॉडकास्टिंग खेती लागू की गई है। खरीफ मौसम वर्षा, बाढ़ और चक्रवातों (cyclones) से प्रभावित होता है। इन जोखिमों को कम करने के लिए आंध्र प्रदेश सरकार (Andhra Pradesh government) ने फसल कैलेंडर (crop calendar) को आगे बढ़ाया। 1 जून से सिंचाई पानी जारी किया और जुलाई अंत तक रोपाई पूरी करने के निर्देश दिए। हालांकि, नहरों में गाद (silt) के कारण पानी समय पर नहीं पहुंचा, जिससे नर्सरी (nursery) तैयार करना मुश्किल हुआ। इस स्थिति ने किसानों को ब्रॉडकास्टिंग विधि (broadcasting method) में रुचि दिखाने के लिए प्रेरित किया, और सरकार भी इसे प्रोत्साहित कर रही है। ब्रॉडकास्टिंग विधि (broadcasting method) के लाभ: पारंपरिक विधियों की तुलना में पानी का उपयोग काफी कम, मजदूरों (coolies) की जरूरत कम। पारंपरिक विधियों में नर्सरी तैयारी (nursery preparation), बीज बोना, कीटनाशक छिड़काव (pesticide spraying), निराई और रोपाई (transplantation) पर अधिक लागत आती है, जबकि ब्रॉडकास्टिंग में खर्च काफी कम होता है। बीज लागत 10 प्रतिशत से 15 प्रतिशत कम, कुल निवेश में 4,000 से 6,000 रुपये की बचत। फसल 15 दिन पहले परिपक्व होती है, जिससे प्राकृतिक आपदाओं से पहले कटाई हो जाती है। पैदावार 10 प्रतिशत से 16 प्रतिशत बढ़ती है। हालांकि, खरपतवार वृद्धि (weed growth) अधिक होती है, और किसानों को इस पर ध्यान देना चाहिए। काकीनाडा जिले के कृषि अधिकारी ने कहा कि ब्रॉडकास्टिंग विधि (broadcasting method) समय और लागत बचाती है, किसानों को लाभ पहुंचाती है। इस विधि पर जागरूकता अभियान (awareness campaigns) लंबे समय से चल रहे हैं, और अब किसान अधिक जागरूक हैं। यह विधि किसानों के लिए सभी पहलुओं में फायदेमंद है।

आंध्र प्रदेश की महिला स्वयं सहायता समूहों ने ई-कॉमर्स में 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार पार किया

आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) की महिला स्वयं सहायता समूह (self-help groups) ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म (e-commerce platforms) जैसे मीशो (Meesho), वॉवजेनी (Wowgenie), अमेज़न (Amazon) और फ्लिपकार्ट (Flipkart) के माध्यम से ग्रामीण हस्तशिल्प उत्पादों (rural handicraft products) बेचकर बाजार विस्तार कर रही हैं, जिससे उनकी आय बढ़ रही है और मुनाफा दोगुना हो रहा है। एक वर्ष में उन्होंने 1.64 लाख से अधिक ऑर्डर प्राप्त किए और 2.5 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया। बेचे जाने वाले उत्पादों में हस्तनिर्मित कपड़े (handcrafted clothes), अचार (pickles), फोटो फ्रेम (photo frames), अगरबत्ती (incense sticks), जूट बैग (jute bags), कोंडापल्ली डॉल्स (Kondapalli dolls), एटिकोप्पाका डॉल्स (Etikoppaka dolls), बोब्बिली वीना (Bobbili veenas), सजावटी वस्तुएं (decorative items), फैशन ज्वेलरी (fashion jewelry) और फ्लोर क्लीनिंग सामग्री (floor cleaning materials) शामिल हैं, जो अब आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) से बाहर के राज्यों तक पहुंच रही हैं। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day), 8 मार्च 2025 को राज्य भर की एक लाख महिलाओं ने वॉवजेनी डिजिटल प्लेटफॉर्म (Wowgenie digital platform) के माध्यम से 1 करोड़ रुपये के उत्पाद बेचे, जिससे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Guinness World Records) में स्थान मिला और उत्पादों को अच्छी मान्यता मिली। दिल्ली (Delhi), महाराष्ट्र (Maharashtra), तमिलनाडु (Tamil Nadu), कर्नाटक (Karnataka), ओडिशा (Odisha) और तेलंगाना (Telangana) जैसे राज्यों से ऑर्डर आ रहे हैं, जिससे कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। पहले विलंबित भुगतान (delayed payments) और उच्च कमीशन दरें (high commission rates) की समस्याएं थीं, लेकिन अब केंद्र सरकार के ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (Open Network for Digital Commerce – ONDC) से 6-8 प्रतिशत कम कमीशन और डिलीवरी से पहले अग्रिम भुगतान मिलता है। राज्य के स्वयं सहायता समूह (self-help groups) एमईपीएमए (MEPMA – Mission for Elimination of Poverty in Municipal Areas) के मार्गदर्शन में ओएनडीसी (ONDC) से जुड़े हैं, जहां मीशो डिजिटल प्लेटफॉर्म (Meesho digital platform) ऑर्डर सुविधा प्रदान करता है। एमईपीएमए (MEPMA) प्रत्येक जिले में ई-कॉमर्स प्रबंधन (e-commerce management), पैकेजिंग (packaging), लॉजिस्टिक्स (logistics), भुगतान निपटान (payment settlements) और डिलीवरी में सहायता प्रदान करता है, जिसमें संसाधन व्यक्ति आंशिक रूप से जिम्मेदारी संभालते हैं। मछलीपट्टनम (Machilipatnam) के एक स्वयं सहायता समूह की सदस्य ने साझा किया कि डिजिटल प्लेटफॉर्म अपनाने के बाद उनकी मासिक आय 20,000 रुपये से बढ़कर 40,000 रुपये हो गई है, और आगे बढ़ने की क्षमता है।

राष्ट्रीय समाचार

पीएम किसान मोबाइल ऐप (PM Kisan Mobile App) से किसानों को मिलेगी हर अपडेट, ई-केवाईसी (e-KYC) अब मोबाइल से ही संभव

केंद्र सरकार ने ‘डिजिटल भारत का डिजिटल किसान’ (Digital Bharat ka Digital Kisan) नारे के तहत पीएम किसान मोबाइल ऐप (PM Kisan Mobile App) लॉन्च किया है, जो किसानों को सरकारी योजनाओं की जानकारी और लाभ सीधे प्रदान करता है। ऐप एक क्लिक से कई आवश्यक सुविधाएं प्रदान करता है, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण ई-केवाईसी अपडेट (e-KYC update) है। पहले किसानों को ई-केवाईसी (e-KYC) के लिए कॉमन सर्विस सेंटर (Common Service Centers) या संबंधित कार्यालय जाना पड़ता था, लेकिन अब यह मोबाइल से हो सकता है। किसान ऐप से अपनी किस्तों की स्थिति जांच सकते हैं, जिसमें किस्त कब जमा हुई, कितनी राशि प्राप्त हुई और अगली किस्त कब आएगी। ऐप से आवेदनों की स्थिति (application status) देखी जा सकती है, जिसमें आवेदन स्वीकार हुआ या कमी है, और किस चरण में है। किसान अपने बैंक खातों (bank accounts) की जांच कर सकते हैं ताकि योजना की राशि सही खाते में जमा हो। सरकार का दावा है कि ऐप पारदर्शी, तेज और आसान सुविधाएं प्रदान करता है, जिससे किसानों को छोटे कार्यों के लिए लाइनों में खड़े होने या बार-बार कार्यालय जाने की जरूरत नहीं। ऐप गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) और आईओएस स्टोर (iOS Store) पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध है, और कम शिक्षित किसानों के लिए उपयोगकर्ता-अनुकूल (user-friendly) है। अधिक जानकारी या समस्या के लिए कॉल सेंटर नंबर 1800-180-1551 पर 6 AM से 10 PM तक संपर्क करें। यह पहल किसानों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने और सरकारी योजनाओं से सीधा लाभ सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi scheme) से जुड़े सभी अपडेट अब किसानों की उंगलियों पर उपलब्ध हैं, जो समय बचाने वाला डिजिटल साथी है। 21वीं किस्त (21st installment) का उल्लेख किया गया है।

प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना (Pradhan Mantri Viksit Bharat Rozgar Yojana)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 79वें स्वतंत्रता दिवस (79th Independence Day) पर ऐतिहासिक लाल किले (Red Fort) से संबोधन में घोषणा की, जो उनका 12वां लगातार स्वतंत्रता दिवस भाषण था। उन्होंने 1 लाख करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना (Pradhan Mantri Viksit Bharat Rozgar Yojana) लॉन्च की, जो तत्काल प्रभाव से लागू हुई। योजना का उद्देश्य देश के विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 3.5 करोड़ युवाओं के लिए नौकरी अवसर (job opportunities) पैदा करना है। योजना के हिस्से के रूप में, पहली बार नौकरी करने वालों (first-time jobholders) को नौकरी बाजार को अधिक सुलभ और पुरस्कृत बनाने के लिए 15,000 रुपये प्रोत्साहन (incentive) मिलेगा। कार्यक्रम में प्रत्येक व्यक्ति को 15,000 रुपये की सीधी वित्तीय सहायता (direct financial assistance) शामिल है, जो उद्यमिता (entrepreneurship), कौशल विकास (skill development) और युवाओं में आत्मनिर्भरता (self-reliance) को बढ़ावा देगी। सरकार का युवा सशक्तिकरण (youth empowerment) पर फोकस भारत की विकास कहानी (growth story) का प्रमुख चालक है। मोदी ने कहा, “देश के युवाओं के लिए अच्छी खबर है। स्वतंत्रता दिवस के दिन हम 1 लाख करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना (Pradhan Mantri Viksit Bharat Rozgar Yojana) को आज से लागू कर रहे हैं। इससे देश के लगभग 3 करोड़ युवाओं के लिए नौकरी अवसर पैदा होंगे।” घोषणा 15 अगस्त 2025 को की गई। योजना युवा बेरोजगारी (youth unemployment) से निपटने और नौकरी सृजन (job creation) को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन की गई है।

अंतर्राष्ट्रीय समाचार

बांग्लादेश में हिली बंदरगाह (Hili Port) से भारतीय प्याज आयात की अनुमति, कीमतों में 10 टका प्रति किलोग्राम की गिरावट

घरेलू बाजार में प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए बांग्लादेश सरकार ने 5 आयात संगठनों को दिनाजपुर (Dinajpur) के हिली लैंड पोर्ट (Hili land port) से कुल 150 टन प्याज आयात की अनुमति दी है। ये संगठन भारत से प्याज आयात कर सकते हैं। प्याज आयात की खबर से स्थानीय प्याज की कीमत दो दिनों में 10 टका प्रति किलोग्राम घट गई, और अब 65 टका प्रति किलोग्राम पर बिक रही है, जो पहले 75 टका थी। 18 अगस्त 2025 को दोपहर में हिली लैंड पोर्ट (Hili Land Port) के प्लांट क्वारंटाइन के डिप्टी असिस्टेंट ऑफिसर यूसुफ अली (Yusuf Ali) ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि 5 संगठनों को प्रत्येक 30 टन आयात की अनुमति मिली है, कुल 150 टन। वे कभी भी प्याज आयात कर सकते हैं, और उन्हें सभी आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाएगा। अनुमति प्राप्त संगठन हैं: सताता बनियालय (Satata Baniyaloy), नशात ट्रेडर्स (Nashat Traders), अल मक्का इम्प्रेस (Al Makka Impress), सुरैया ट्रेडर्स (Suraiya Traders) और जगदीश चंद्र रॉय (Jagadish Chandra Roy)। आयातक नूर इस्लाम (Nur Islam) ने टिप्पणी की कि सरकार ने प्याज आयात की अनुमति दी है, लेकिन मात्रा बहुत कम है। उन्होंने कहा, “इस तरह आईपी (import permit) देने से हमें नुकसान होगा। वे केवल 30 टन प्याज आयात की अनुमति दे रहे हैं, जो एक भारतीय ट्रक में आ सकता है। पहले वे 2,000 से 5,000 टन के लिए आईपी देते थे, लेकिन इस बार सरकार ऐसा नहीं कर रही। इससे हम मुश्किल में हैं।” उन्होंने आगे कहा, “हम एलसी (letters of credit) खोल रहे हैं, और यदि सब ठीक रहा तो प्याज आयात रविवार दोपहर से शुरू होगा।” हिली कस्टम्स (Hili Customs) डेटा के अनुसार, इस पोर्ट से अंतिम प्याज आयात इस वर्ष 3 मार्च को हुआ था।

श्रीलंका के जाफना (Jaffna) में एक आम 10 लाख रुपये में बिका, मंदिर उत्सव में रिकॉर्ड तोड़ा

श्रीलंका (Sri Lanka) के जाफना (Jaffna) में नल्लूर मुरुगन मंदिर (Nallur Murugan Temple) का वार्षिक उत्सव बड़े उत्साह से मनाया जा रहा है। उत्सव 8 अगस्त को शुरू हुआ, जिसमें दैनिक विभिन्न आध्यात्मिक कार्यक्रम होते हैं। सातवें दिन, 15 अगस्त को आम उत्सव (Maambazha Thiruvizha – mango festival) केंद्र बिंदु बना। आम उत्सव मंदिर में महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है। इस दौरान एक विशेष नाटक किया जाता है, जो भगवान मुरुगन (Lord Murugan) और भगवान विनायगर (Lord Vinayagar) के बीच प्रतियोगिता को दर्शाता है। नाटक में दुनिया घूमकर आम प्राप्त करने का लक्ष्य दिखाया जाता है। कथा के अनुसार, विनायगर ने अपनी बुद्धि से दुनिया के बजाय भगवान शिव (Lord Shiva) और पार्वती (Parvati) की परिक्रमा की और आम प्राप्त किया। अनुष्ठानों के बाद मंदिर प्रशासन ने आम की नीलामी की। आधार मूल्य 10,000 रुपये था, लेकिन बोली जल्दी बढ़ी। मिनटों में कीमत 6 लाख रुपये पहुंच गई। भक्तों के बीच तीव्र प्रतियोगिता में एक भक्त ने आम को 10 लाख रुपये में खरीदा। इस घटना ने भक्तों में हलचल मचा दी, और एक साधारण आम की इतनी ऊंची कीमत तमिलनाडु (Tamil Nadu) और श्रीलंका (Sri Lanka) में चर्चा का विषय बनी। भक्तों की उत्साही आवाजें मंदिर परिसर में गूंजीं। कई उपस्थितों ने कहा कि यह सिर्फ आम नहीं बल्कि भक्ति और मंदिर की परंपराओं को दर्शाता है। कई वर्षों से आयोजित आम उत्सव में ऐसी ऊंची नीलामी कीमतें अक्सर सुर्खियां बनती हैं। पिछले वर्ष जाफना (Jaffna) के श्री शिवसुब्रमणियर मंदिर (Sri Sivasubramaniar Temple) में आम उत्सव में एक आम फ्रांस (France) के भक्त द्वारा 4.60 लाख रुपये में नीलाम हुआ था। हालांकि, इस वर्ष की 10 लाख रुपये की कीमत ने रिकॉर्ड तोड़ा, जो ऐतिहासिक उपलब्धि है। ये नीलामियां मंदिर की आय बढ़ाती हैं और स्थानीय समुदाय तथा आध्यात्मिक कार्यक्रमों को महत्वपूर्ण समर्थन प्रदान करती हैं। घटना दिखाती है कि भक्तों की आस्था और परंपराओं से एक साधारण फल जैसे आम को असाधारण मूल्य कैसे मिलता है। जाफना (Jaffna) निवासियों के अलावा तमिलनाडु (Tamil Nadu) के भक्तों ने इस खबर पर आश्चर्य व्यक्त किया और सोशल मीडिया (social media) पर साझा किया। इस वर्ष की आम नीलामी उत्सव की विशेष घटनाओं में से एक के रूप में इतिहास में दर्ज होगी।