आल इंडिया वेदर न्यूज़ बुलेटिन, भारत एक विशाल और विविधतापूर्ण भौगोलिक संरचना वाला देश है, जहाँ हर मौसम अपने अनोखे रंगों और चुनौतियों के साथ आता है। उत्तर में बर्फ से ढके पहाड़, दक्षिण में समुद्री तट, पश्चिम में रेगिस्तान और पूर्व में घने जंगल हर क्षेत्र का मौसम अलग-अलग अंदाज़ में प्रभावित होता है। ऐसे में पूरे देश के मौसम की जानकारी रखना न केवल रोचक होता है, बल्कि ज़रूरी भी है।
इस ऑल इंडिया वेदर न्यूज़ बुलेटिन में हम आपको देशभर के प्रमुख शहरों और क्षेत्रों के ताज़ा मौसम अपडेट, तापमान, वर्षा की संभावना, मानसून की गतिविधियाँ, और आने वाले दिनों के पूर्वानुमान की पूरी जानकारी देंगे। चाहे आप किसान हों, यात्री, छात्र या आम नागरिक यह बुलेटिन आपके लिए उपयोगी साबित होगा।
तो आइए, जानते हैं पूरे भारत में पिछले चौबीस घंटों में मौसम कैसा रहा और कहाँ क्या प्रभाव पड़ा।
महाराष्ट्र (Maharashtra)
परभणी जिले में लोअर दूधना परियोजना की नहर फटने से किसानों को नुकसान (Canal Burst of Lower Dudhana Project in Parbhani District)
परभणी जिले (Parbhani District) के सेलू तालुका (Selu Taluka) में लोअर दूधना परियोजना (Lower Dudhana Project) की नहर पांच जगहों पर फट गई, जिससे खेतों में पानी घुस गया और फसलों को भारी नुकसान पहुंचा। यह घटना 16 अगस्त 2025 को भारी बारिश (Heavy Rainfall) के कारण हुई, लेकिन मुख्य वजह घटिया निर्माण (Poor Construction) और अधिकारियों की लापरवाही (Official Negligence) बताई जा रही है। नहर की लंबाई बजट की कमी के कारण साबा और मुंब्रा (Saba and Mumbra) से घटाकर नंदापुर और जलालपुर (Nandapur and Jalalpur) तक कर दी गई थी। इससे गोकुलवाड़ी (Gokulwadi) और मंदा (Manda) जैसे इलाकों में पानी भर गया, जिससे मिट्टी का कटाव (Soil Erosion) हुआ, खड़ी फसलें बह गईं और खेतों में बड़े गड्ढे बन गए। प्रभावित किसानों में एकनाथ संभाजी अवक (Eknath Sambhaji Awak), हनुमान अवक (Hanuman Awak), बालासाहेब निवृत्ति अवक (Balasaheb Nivrutti Awak), वसंत अरमल (Vasant Armal) और बालासाहेब अरमल (Balasaheb Armal) शामिल हैं। लगभग 20 से 25 किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. मदन लांडगे (Dr. Madan Landge) ने बताया कि किसानों को मुआवजा (Compensation) की मांग की जा रही है। इंजीनियर प्रसाद लंब (Engineer Prasad Lamb) ने साइट का दौरा किया और किसानों को सहायता का आश्वासन दिया। राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता और अधिकारी मौके पर पहुंचे, लेकिन किसानों ने सरकार से तत्काल मदद की गुहार लगाई है।
लातूर में मांजरा नदी का उफान और फसलों का नुकसान (Manjara River Overflow and Crop Damage in Latur)
लातूर जिले (Latur District) में पिछले दो दिनों की भारी बारिश (Heavy Rainfall) से मांजरा नदी (Manjara River) में उफान आ गया, जिससे शिरूर अनंतपाल तालुका (Shirur Anantpal Taluka) के डोंगरगांव (Dongargaon) और उजेड (Ujed) जैसे इलाकों में खड़ी फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचा। मांजरा बांध (Manjara Dam) से पानी छोड़े जाने के कारण नदी का जलस्तर बढ़ा और खेतों में पानी भर गया। मुख्य रूप से सोयाबीन की फसल (Soybean Crops) प्रभावित हुई, जिसमें पॉड्स बन चुके थे। अनुमानित 200 से 250 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है। किसानों ने बताया कि प्रकृति ने उनकी जीविका छीन ली है। कृषि विभाग (Agriculture Department) और राजस्व विभाग (Revenue Department) ने अभी तक कोई जांच या पंचनामा (Panchkama) नहीं किया है। किसानों ने तत्काल पंचनामा और वित्तीय सहायता (Financial Assistance) की मांग की है।
आईएमडी की भारी बारिश की चेतावनी (IMD Heavy Rainfall Alert)
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (Indian Meteorological Department – IMD) ने महाराष्ट्र (Maharashtra) में 16 से 21 अगस्त 2025 तक भारी से बहुत भारी बारिश (Heavy to Very Heavy Rainfall) की चेतावनी जारी की है। कोंकण (Konkan) और मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों (Ghats of Central Maharashtra) में विशेष रूप से तीव्र बारिश की संभावना है। मुंबई (Mumbai), ठाणे (Thane), रायगढ़ (Raigad), नासिक (Nashik), रत्नागिरी (Ratnagiri), पालघर (Palghar) जैसे जिलों में रेड अलर्ट (Red Alert) और ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert) जारी किया गया है। बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में निम्न दबाव क्षेत्र (Low-Pressure Area) के कारण यह स्थिति बनी है। तूफानी हवाएं (Strong Winds) 40-50 किमी/घंटा की रफ्तार से चल सकती हैं। कोंकण तट (Konkan Coast) पर समुद्र उबड़-खाबड़ रहेगा, जिससे मछुआरों को 16 से 20 अगस्त तक समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। अंबा नदी (Amba River), कुंडलिका नदी (Kundalika River), जगबुडी (Jagbudi) और कोडावली नदियां (Kodavali Rivers) खतरे के स्तर को पार कर गई हैं। मुंबई में गांधी नगर (Gandhi Nagar), किंग्स सर्कल (Kings Circle) और सायन रेलवे स्टेशन (Sion Railway Station) में जलभराव (Waterlogging) हुआ है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (National Disaster Response Force – NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (State Disaster Response Force – SDRF) को स्टैंडबाय पर रखा गया है। राज्य स्तर का आपातकालीन संचालन केंद्र (State Level Emergency Operations Centre) 24/7 काम कर रहा है।
तेलंगाना (Telangana)
कई जिलों में रेड अलर्ट और भारी बारिश (Red Alert and Heavy Rains in Several Districts)
तेलंगाना (Telangana) में पिछले 10 दिनों से जारी भारी बारिश (Heavy Rainfall) ने सामान्य जीवन को प्रभावित किया है। आईएमडी (IMD) ने भद्रद्रि कोठागुडेम (Bhadradri Kothagudem), हनुमाकोंडा (Hanumakonda), वारंगल (Warangal), मुलुगु (Mulugu) और महबूबाबाद (Mahabubabad) जिलों में रेड अलर्ट (Red Alert) जारी किया है, जहां 20 सेमी से अधिक बारिश की संभावना है। जयशंकर भूपालपल्ली (Jayashankar Bhupalpalli), पेद्दापल्ली (Peddapalli), मंचेरियल (Mancherial), कुमुराम भीम आसिफाबाद (Kumuram Bheem Asifabad), खम्मम (Khammam), सूर्यापेट (Suryapet), जंगांव (Jangaon), सिद्दिपेट (Siddipet) और आदिलाबाद (Adilabad) में ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert) है। गोविंदरावपेट (Govindaraopet) में 22 सेमी, तमसी (Tamsi) में 17.3 सेमी और कन्नेपल्ली (Kannepalli) में 12.5 सेमी बारिश दर्ज की गई। बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में निम्न दबाव (Low-Pressure) के कारण नदियां और नाले उफान पर हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने आदिलाबाद के सुभाषनगर (Subhashnagar) में फंसे लोगों को बचाया। कुछ जिलों में बारिश की कमी (Deficit Rainfall) भी है।
ग्रामीण सड़कों को 147.70 करोड़ का नुकसान (Rural Roads Damage Worth Rs 147.70 Crore)
तेलंगाना (Telangana) में भारी बारिश (Heavy Rainfall) से ग्रामीण सड़कों (Rural Roads) को भारी नुकसान पहुंचा है। पंचायत राज विभाग (Panchayat Raj Department) की रिपोर्ट के अनुसार, 84.97 किलोमीटर सड़कें क्षतिग्रस्त हुईं, जिनकी अनुमानित लागत 147.70 करोड़ रुपये (Rs 147.70 Crore) है। मंत्री सीतakka (Minister Seethakka) ने अधिकारियों को तत्काल अस्थायी मरम्मत (Temporary Repairs) करने के निर्देश दिए हैं। जिला कलेक्टरों (District Collectors) को उपलब्ध फंड का उपयोग करने को कहा गया है। मिशन भागीरथा (Mission Bhagiratha) पेयजल परियोजना की समीक्षा की गई और ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया। आपातकाल के लिए टोल-फ्री नंबर (Toll-Free Number) 040-35174352 उपलब्ध है।
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert in Andhra Pradesh and Telangana)
बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में निम्न दबाव (Low-Pressure) के कारण तेलंगाना (Telangana) और आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में आज भारी बारिश (Heavy Rains) की संभावना है। आईएमडी (IMD) ने 12 जिलों में ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert) जारी किया है। अगले तीन दिनों तक बारिश जारी रहने की चेतावनी है।
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh)
पोंग बांध से पानी छोड़े जाने से तबाही (Havoc Due to Water Release from Pong Dam)
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के कांगड़ा जिले (Kangra District) में पोंग बांध (Pong Dam) से पानी छोड़े जाने से ब्यास नदी (Beas River) का जलस्तर बढ़ गया, जिससे मंड भोगरावां (Mand Bhograwan), रियाली (Riali), मंड घंद्रान (Mand Ghandran), मंड सनौर (Mand Sanaur) और मंड मियानी (Mand Miyani) गांवों में बाढ़ (Floods) आ गई। अवैध खनन (Illegal Mining) और पत्थरों की संरचनाओं (Cairns) के कारण नदी का बहाव बदला, जिससे खेतों और घरों को नुकसान पहुंचा। कई एकड़ उपजाऊ भूमि (Fertile Land) डूब गई, फसलें नष्ट हो गईं और घर बह गए। उपायुक्त हेमराज बैरवा (Deputy Commissioner Hemraj Bairwa) ने क्षेत्र का दौरा किया, लेकिन村民ों ने कोई राहत न मिलने की शिकायत की। मौसम विभाग (Meteorological Department) ने आने वाले दिनों में भारी बारिश (Heavy Rainfall) की चेतावनी दी है।
मंडी में बादल फटने से हाहाकार (Cloudburst in Mandi Causes Chaos)
मंडी जिले (Mandi District) के टकोली फोरलेन (Takoli Fourlane) में सुबह बादल फटने (Cloudburst) से बाढ़ जैसी स्थिति बनी। शालनाला नाला (Shalanala Nullah) में पानी और मलबा (Debris) जमा हो गया, जिससे घर, दुकानें और सब्जी बाजार (Vegetable Market) तबाह हो गए। हजारों बक्से सब्जियां और फल नष्ट हुए, व्यापारियों और किसानों को लाखों का नुकसान हुआ। कंपनी का कार्यालय और सुरक्षा दीवार (Security Wall) क्षतिग्रस्त हुई। स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव (Relief and Rescue) में जुटा है।
मानसून की तबाही और येलो अलर्ट (Monsoon Fury and Yellow Alert)
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में 20 जून से मानसून (Monsoon) की शुरुआत से अब तक बादल फटने (Cloudbursts) और भारी बारिश (Heavy Rainfall) से व्यापक तबाही हुई है। मंडी (Mandi), कुल्लू (Kullu) और शिमला (Shimla) जिलों में 300 से अधिक सड़कें बंद हैं, पुल बह गए और गांव कट गए। घर और कारें नष्ट हो गईं, पानी और बिजली की आपूर्ति बाधित है। 120 से अधिक मौतें (Deaths) हुईं और कई लापता हैं। नुकसान 2,000 करोड़ रुपये (Rs 2,000 Crore) से अधिक है। आईएमडी (IMD) ने 20 अगस्त तक येलो अलर्ट (Yellow Alert) जारी किया है।
आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh)
अगले तीन दिनों में भारी बारिश की चेतावनी (Heavy Rains Warning for Next Three Days)
आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के तटीय जिलों (Coastal Districts) में 17 से 19 अगस्त तक भारी से बहुत भारी बारिश (Heavy to Very Heavy Rains) की संभावना है। अल्लूरी सीतारामाराजू (Alluri Sitaramaraju), विशाखापत्तनम (Visakhapatnam), अनाकापल्ली (Anakapalli), काकिनाडा (Kakinada), श्रीकाकुलम (Srikakulam), विजयनगरम (Vizianagaram), पार्वतीपुरम मन्यम (Parvathipuram Manyam), कोना सीमा (Kona Seema), पूर्व गोदावरी (East Godavari), पश्चिम गोदावरी (West Godavari), कृष्णा (Krishna), एनटीआर (NTR), गुंटूर (Guntur), बापटला (Bapatla), पालनाडु (Palnadu), प्रकाशम (Prakasam) और एलुरु (Eluru) प्रभावित हो सकते हैं। दक्षिण छत्तीसगढ़ (South Chhattisgarh) में निम्न दबाव (Low-Pressure) और बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में नया सिस्टम इसका कारण है। कलिंगापत्तनम (Kalingapatnam), भीमुनिपत्तनम (Bhimunipatnam), विशाखापत्तनम (Visakhapatnam), काकिनाडा (Kakinada) और गंगावरम (Gangavaram) बंदरगाहों पर खतरे की चेतावनी है। मछुआरों को समुद्र न जाने की सलाह दी गई है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के एमडी प्रखर जैन (Prakhar Jain) ने चेतावनी जारी की।
पंजाब (Punjab)
ब्यास नदी का उफान और बाढ़ (Beas River Overflow and Floods)
पंजाब (Punjab) में भारी मानसून बारिश (Monsoon Rains) और पोंग बांध (Pong Dam) से पानी छोड़े जाने से ब्यास (Beas River) और सतलुज नदियां (Sutlej River) उफान पर हैं। कपूरथला (Kapurthala), तरन तारन (Tarn Taran) और फिरोजपुर (Ferozepur) जिलों में 20 से अधिक गांव डूब गए, 500 लोग निकाले गए। सुल्तानपुर लोधी (Sultanpur Lodhi) में ब्यास नदी 1 लाख क्यूसेक (1 Lakh Cusecs) से अधिक बह रही है। हजारों एकड़ फसलें (Crops) नष्ट हो गईं, किसानों को मुआवजा (Compensation) नहीं मिल रहा। कमजोर तटबंध (Weak Embankments) और सरकारी देरी (Government Delay) समस्या बढ़ा रही है। अधिकारियों ने तटबंध मजबूत किए और चिकित्सा शिविर (Medical Camps) लगाए हैं।
झारखंड (Jharkhand)
मौसम अपडेट और बारिश की संभावना (Weather Update and Rainfall Possibility)
झारखंड (Jharkhand) में पिछले 24 घंटों में मानसून कमजोर रहा, लेकिन कुछ जगहों पर बारिश हुई। अगले चार दिनों तक हल्के बादल छाए रहेंगे, दिन में एक-दो बार हल्की बारिश (Light Rain) हो सकती है। गर्जन, बिजली (Thunder, Lightning) और तेज हवाओं की संभावना है। 21 अगस्त के बाद मानसून सक्रिय (Active Monsoon) होगा। सरायकेला (Saraikela) में 22.4 मिमी और रामगढ़ (Ramgarh) में 15.4 मिमी बारिश दर्ज हुई। रांची (Ranchi) में 6.8 मिमी बारिश हुई। 1 जून से 12 जून तक 877.8 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य से 31% अधिक है। रांची में 1082.4 मिमी बारिश 58% अधिक है। अधिकतम तापमान गोड्डा (Godda) में 37°C रहा।
केरल (Kerala)
भारी बारिश की चेतावनी और अलर्ट (Heavy Rainfall Warning and Alerts)
केरल (Kerala) में आईएमडी (IMD) ने भारी बारिश (Heavy Rainfall) की चेतावनी दी है। कन्नूर (Kannur) और कासरगोड (Kasaragod) में ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert), इडुक्की (Idukki), एर्नाकुलम (Ernakulam), त्रिशूर (Thrissur), पलक्कड़ (Palakkad), मलप्पुरम (Malappuram), कोझिकोड (Kozhikode) और वायनाड (Wayanad) में येलो अलर्ट (Yellow Alert) है। दक्षिण छत्तीसगढ़ (South Chhattisgarh) में निम्न दबाव (Low-Pressure) और बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में नया सिस्टम इसका कारण है। अगले पांच दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश (Light to Moderate Rain) और 40-50 किमी/घंटा हवाएं चलेंगी। तिरुवनंतपुरम (Thiruvananthapuram) में हल्की बारिश संभव। काकी बांध (Kaki Dam), भूताथनकेत्तु (Bhutathankettu), बनासुरासागर (Banasurasagar) और पीची बांध (Peechi Dam) के शटर खोले जाएंगे। पेरियार नदी (Periyar River) के किनारों पर सावधानी बरतने की सलाह है। मुन्नार गैप रोड (Munnar Gap Road) पर रात का यात्रा प्रतिबंधित है। केरल, कर्नाटक और लक्षद्वीप (Kerala, Karnataka, Lakshadweep) तटों पर 18 अगस्त तक मछली पकड़ना प्रतिबंधित है।
राष्ट्रीय स्तर पर नई पूर्वानुमान प्रणाली (National Level: New Forecast System)
भारत में बारिश की भविष्यवाणी (Rainfall Prediction) की सटीकता को 30% बढ़ाने के लिए भारत पूर्वानुमान प्रणाली (Bharat Forecast System – BharatFS) शुरू की गई है। आईएमडी (IMD), एनसीएमआरडब्ल्यूएफ-नोएडा (NCMRWF-Noida) और आईआईटीएम-पुणे (IITM-Pune) द्वारा विकसित यह सिस्टम ‘मेक इन इंडिया’ (Make in India) का हिस्सा है। पंचायत स्तर (Panchayat Level) पर हाइपर-लोकलाइज्ड पूर्वानुमान (Hyper-Localized Forecasts) देता है, जो किसानों को फसल योजना (Crop Planning), सिंचाई (Irrigation) और कटाई में मदद करेगा। ट्राइएंगुलर क्यूबिक ऑक्टाहेड्रल ग्रिड (Triangular Cubic Octahedral – TCo Grid) का उपयोग कर 6 किमी रिजॉल्यूशन (6 km Resolution) पर रीयल-टाइम पूर्वानुमान (Real-Time Forecasts) देता है। अर्का (Arka) और अरुणिका (Arunika) सुपरकंप्यूटरों से रनटाइम 12 घंटे से घटकर 3-6 घंटे हो गया। पश्चिमी घाट (Western Ghats) और हिमालय (Himalayas) जैसे क्षेत्रों में बाढ़ जोखिम (Flood Risks) कम करेगा।
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