शुभ लाभ आर्थिक संगठन के प्रथम बैच के प्रतिभागियों हेतु कुछ महत्वपूर्ण बातें

शुभ लाभ आर्थिक संगठन के प्रथम बैच की सभी 300 महिला सदस्यों को सादर नमस्कार आज ZOOM प्लेटफोर्म पर दोपहर तीन बजे आयोजित की गयी ऑनलाइन मीटिंग में आपके कुछ सदस्यों के साथ बातचीत करने का अवसर मिला और बातचीत में मैंने महसूस किया की अभी संगठन के बारे में आपके मन में कुछ सवाल हैं और उनके जवाब मैं यहाँ लिख कर दे रहा हूँ सबको है आस आपसे आपके आर्थिक संगठन की कल्पना के पहले दिन से ही …

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डॉ सुरेंद्र दलाल एक सच्चे कर्मठ वैज्ञानिक से मुलाकात और उनकी यादें

डॉ सुरेंद्र दलाल जी एक सच्चे और धुरंधर वैज्ञानिक जी से मुलकात की यादें तो बहुत हैं लेकिन मुझे अपने जीवन में स्वर्गीय डॉ Surender Dalal जी से मिलने का मौका सिर्फ पांच या छह बार ही मिला है लेकिन फिर भी यह मुलाकातें सुबह से शाम तक बैठने वाली थी, उनको काम करते देखना और उनके नजरिये से मुद्दों को समझना , मेरे लिए एक दम नया अनुभव था। कोई इंसान सरकारी नौकरी में काम करते हुए लोगों का …

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ब्यूटी सोप बार कैसे बनाएं और उससे जुड़े सवाल और जवाब

शुभ लाभ आर्थिक संगठन के प्रथम बैच के अभ्यर्थियों सादर नमस्कार आपको जिस का इंतज़ार था वो घड़ी अब आ गयी है रवि मोहन जी ने बड़ी मेहनत करके सभी सूत्रों को जोड़ लिया है और अब आप भिन्न भिन्न तरह के ब्यूटी सोप बार अपनी रूचि और क्रिएटिविटी के आधार पर बना सकेंगी आप अपने घर पर तो प्रयुक्त क्र सकेंगी और अपनी जान पहचान और जानकारी में भी उसे गिफ्ट के तौर पर या व्यापार के तौर पर …

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चावल का फोर्टीफिकेशन और हमारा भविष्य

दीपक राघव इस तरह के अनाज आगे जाकर कैंसर का कारण बनेंगे प्रकृति के साथ खिलवाड़ अब हमारे देश में एक नया षड्यंत्र कंपनियां करवा रही हैं, जिसमें गरीबों को मिलने वाले चावल को फोर्टिफाइड करने की घोषणा कर रहे हैं “राशन की दुकान पर मिलने वाला चावल हो, मिड-डे मील में बालकों को मिलने वाला चावल हो। वर्ष 2024 तक हर योजना के माध्यम से मिलने वाला चावल फोर्टिफाइड कर दिया जाएगा”। महिलाओं और बच्चों के कुपोषण की समस्या …

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श्री हनुमान चालीसा अर्थ सहित

श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि।बरनऊँ रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।गुरु महाराज के चरण.कमलों की धूलि से अपने मन रुपी दर्पण को पवित्र करके श्री रघुवीर के निर्मल यश का वर्णन करता हूँ, जो चारों फल धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को देने वाला हे। •••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरो पवन कुमार।बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार।हे पवन कुमार! मैं आपको सुमिरन.करता हूँ। आप तो जानते ही हैं, कि मेरा शरीर और बुद्धि निर्बल …

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सनातन संस्कृति का मजबूत अंग है हमारा बाल्मीकि समाज

कैसे है वाल्मीकि समाज सनातनधर्म का अभिन्न अंग अरुण लवानिया अंग्रेजों के समय से ही सनातन की इमारत से एक एक कर ईंटों को सरकाने का षड़यंत्र चला आ रहा है। इसके पीछे जिसका भी का हाथ है उसका चेहरा हमसे अब छिपा नही है , कागजी स्वतंत्रता यानी ट्रांसफर ऑफ़ पॉवर के पश्चात उपजी नयी प्रजातियां जैसे नकली बौद्ध और वामपंथी भी इस कार्य में जुटे हैं। जातिविहीन समाज की बात करने वाले ऐसे तत्व जातियों की ही दुहाई …

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पूंजी के पहाड़ से निकलेगा किसानों और कारीगरों की समस्या का समाधान।

मसला आज दुनिया अब ऐसे दौर में पहुंच चुकी है जहां सब कुछ पूंजी के सहारे चल रहा है और बड़े बड़े आर्थिक किले हमारे चारों और उद्योगपतियों ने बनाये हैं जिनकी मदद से वो सुबह शाम दिन रात अपने प्रोडक्ट्स एवं सर्विसेज के माध्यम से पैसा खींच रहे हैं। ग्रामीण इकॉनमी में पैसा आता तो है लेकिन रुकता नही है क्योंकि सुबह आँख खुलते ही व्हाट्सएप्प का स्टेटस चेक करने के साथ ही खर्चा होना चालू हो जाता है …

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प्रासंगिक हैं राष्ट्रनायक राजा महेंद्र प्रताप

मथुरा से जब आप हाथरस की ओर चलेंगे तो हाथरस जिले में प्रवेश करते ही एक कस्बा पड़ेगा मुरसान। मुरसान एक छोटा सा कस्बा है। वहां के राजा थे राजा महेंद्र प्रताप सिंह। राजा महेंद्र प्रताप उन विलक्षण और प्रतिभाशाली स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों में से एक रहे हैं जिन्होंने ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ भारत के बाहर आज़ादी की मशाल और स्वतंत्र चेतना को जगाये रखा। उनका जन्म 1 दिसंबर 1896 को और मृत्यु 29 अप्रैल 1979 को हुयी थी। …

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शूद्र एक घृणित सम्बोधन कब हुआ किसने किया और कैसे किया क्यों किया ? एक विश्लेषण

त्रिभुवन सिंह ऋग्वेद मे लिखा है ब्राम्हण्म मुखम आसीत शूद्रह अजायत। अर्थात परंब्रम्ह की जिह्वा है ब्रामहण । यानि जो तपस्या (रेसेर्च ) से जो मांनव कल्याण हेतु जो मंत्र खोजे जाते है , उसी को जिह्वा से जगत मे प्रचारित प्रसारित करने वाले को ही ब्रामहण कहते हैं । दूसरी बात उस परम्ब्रंह की उपासना जब कोई करता है तो उसके चरण को ही प्रणाम कर चरणामृत लेता है , उसके मुहं की उपासना नहीं न करता। कौटिल्य ने …

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जलेबियाँ का रेट

एक बार की बात है एक छोरा बाज़ार मैं गया और वो हलवाई की दूकान के आगे जा कै खड़ा हो गया उड़े बढ़िया गरमा गर्म जलेबियाँ उतरण लाग रही थी जेब में एक भी रापिया धेला किमे था नहीं उसने सोची छोड्ड ना यार पहल्यां तू जलेबियाँ समार ले फेर देखांगे अर एक किलो जलेबी तुलवा ली अर खा गया चालन लाग्या तो हलवाई बोल्या ओ भाई ल्या रै जलेबियाँ के रपिये दे वो छोरा बोल्या लाला जी रपिये …

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