एक सीधा सवाल देश के किसानों से

इस देश में आत्मविश्वाश और आत्म निर्भरता का रास्ता केवल और केवल और खेतों से जाता है। हम जैसे नौकरी पेशा, बिना जमीन और बिना गाय वाले लोग संडे को सपरिवार खेतों में घूमने चले जाएं तो सड़कों और मॉल्स में से भीड़ छंट जाएगी और खेतों में रौनकें बढ़ेंगी। वहां अपन को फुलस्टॉप लगा देना मांगता है क्योंकि सभ्यता का चरम है वो उससे आगे संस्कार और मर्यादायें और संस्कृति की दुनिया शुरू होती है। फोटो लगभग तीन साल …

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अभियंता दिवस विशेष

ब्रिटेन में एक ट्रेन द्रुत गति से दौड़ रही थी। ट्रेन अंग्रेजों से भरी हुई थी। उसी ट्रेन के एक डिब्बे में अंग्रेजों के साथ एक भारतीय भी बैठा हुआ था। डिब्बा अंग्रेजों से खचाखच भरा हुआ था। वे सभी उस भारतीय का मजाक उड़ाते जा रहे थे। कोई कह रहा था, देखो कौन नमूना ट्रेन में बैठ गया। तो कोई उनकी वेश-भूषा देखकर उन्हें गंवार कहकर हँस रहा था। कोई तो इतने गुस्से में था, की ट्रेन को कोसकर …

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बूढी मां के तीन गहने

उन्नीसवीं शताब्दी का अंतिम समय था। ठाकुरदास नामक एक वयोवृद्ध कोलकता में रहता था। उसके परिवार में केवल एक बच्चा और पत्नी थी। इस सीमित परिवार का भरण-पोषण भी ठीक प्रकार से न हो पाता। नियति ने उन्हें मेदिनीपुर जिले के एक गाँव में ला पटका। वहाँ ठाकुरदास को दो रुपये महावार की नौकरी मिली। कालाँतर में उनका देहाँत हो गया। पत्नी के कंधों पर सारे परिवार का दायित्व आया। इसी तरह कई वर्ष बीत गए। एक दिन रात के …

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हल्दीघाटी युद्ध में वीरगति को प्राप्त होने वाले प्रमुख मेवाड़ी योद्धा

हल्दीघाटी का युद्ध 18 जून 1576 को मेवाड़ के महाराणा प्रताप का समर्थन करने वाले घुड़सवारों और धनुर्धारियों और मुगल सम्राट अकबर की सेना के बीच लडा गया था हल्दीघाटी का युद्ध 1) ग्वालियर के राजा रामशाह तोमर 2) कुंवर शालिवाहन तोमर (रामशाह तोमर के पुत्र व महाराणा प्रताप के बहनोई) 3) कुंवर भान तोमर (रामशाह तोमर के पुत्र) 4) कुंवर प्रताप तोमर (रामशाह तोमर के पुत्र) 5) भंवर धर्मागत तोमर (शालिवाहन तोमर के पुत्र) 6) दुर्गा तोमर (रामशाह तोमर …

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नाबार्ड क्षेत्रीय कार्यालय पंजाब में आयोजित हुई ऑफ फॉर्म सेक्टर की प्रथम सलाहकार कमेटी की बैठक और ज्योग्राफिकल इंडीकेटर्स पर हुई चर्चा

चंडीगढ़ नाबार्ड क्षेत्रीय कार्यालय पंजाब चंडीगढ़ के द्वारा आज ऑफ़ फार्म सेक्टर विभाग की प्रथम सलाहकार कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया जिसमें नाबार्ड के साथ काम कर रहे विभिन्न विभागों, संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत अर्पिता भट्टाचार्य डी.जी.एम. नाबार्ड ने विभिन्न विभागों से आये प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला के उद्देश्यों के बारे में बताते हुए कहा कि नाबार्ड पंजाब ऑफ फार्म सेक्टर गतिविधियों के तहत जिओग्राफिकल इंडिकेटर विषय पर प्रदेश में …

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भारतीय इतिहास के उलझे हुए मसले और इतिहासकार इरफान हबीब और रोमिला थापर के नाम एक खत

विजय मोहन वामपंथी इतिहासकार इरफान हबीब और रोमिला थापर को कुछ समय पहले एक चिट्ठी लिखी थी। मैंने उन्हें लिखा है कि आज इतिहास को लेकर भारतीयों में पहले से ज्यादा जागरूकता है। इंटरनेट ने तथ्यों को उजागर करने में बहुत मदद की है। आखिर ऐसा क्या सच सामने आ गया है कि एक समय इतिहास लेखन में इरफान हबीब और रोमिला थापर जैसे बड़े प्रतिष्ठित नाम आज आम लोगों के लिए गाली बन गए हैं। कभी सोचें कि लोग …

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हिंदी दिवस और हमारी डोगा पुलिस।

बात जरा पुरानी है मेरे मित्र संदीप जी निवासी ग्राम डोभ जिला रोहतक के दादा जी उन्हें हर रोज़ बैठक में अख़बार देकर बैठा देते थे और अख़बार पढ़कर सुनाने को कहते। उसी बैठक में कई बुजुर्ग हुक्का पीते पीते अख़बार सुनते और यह प्रोग्राम हर रोज़ दोपहर में तीन बजे के आस पास चला करता था। एक दिन की बात है संदीप जी ने ख़बर पढ़ी के अमुक स्थान पर दुर्घटना घटी और इतने लोग घायल हुए। दादा जी …

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मिट्टी के जानकार बाबा दीपक सचदे

बाबा दीपक सचदे जी आज इस भौतिक जगत में नही हैं, लेकिन उनके द्वारा स्थापित काम जगत में बोल रहा है। बाबा दीपक सचदे के खेतों की मिट्टी में आर्गेनिक कार्बन कॉन्टेंट 6 से 7 तक है, यह ICAR के कृषि वैज्ञानिकों ने चेक करके बताया था। प्रकृति में जो मिट्टी निर्माण की प्रक्रिया है जो 400 वर्षों में पूरी होती है उसे बाबा दीपक सचदे ने समझ कर उसे सहज रूप से मात्र तीन महीने में पूर्ण कर लिया …

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समाज सेवा और सम्मान

नारायणगढ़ सिविल हॉस्पिटल में सुबह आठ बजे मेरे एक मित्र श्रीमान अजय वालिया जी दिखाने के लिए ओपीडी की लाइन में लगने लगे तो उसने देखा कि लाइन अभी लंबी है इधर पेट मे चूहे कूद रहे थे तो अपने से आगे वाले को बोल कर नज़दीक की दुकान से एक सैंडविच और पीने के लिए लस्सी का पाउच ले आये और लाइन की साइड में बैठ कर खाने लगे तभी उनका ध्यान एक आठ साल के बच्चे ने आकर्षित …

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आर्थिक संगठन का स्वरुप कैसा होगा और यह काम कैसे करेगा

आर्थिक संगठन की आत्मा होती है : पूँजी यानि की कैपिटल जो आज हर किसी के पास नही होती है, पूँजी की मदद से ही सभी व्यापारिक गतिविधियाँ चलाई जा सकती है। पूँजी को हाथ में कैश के रूप में नही रखा जा सकता है। इसके लिए एक बैंक खाते की आवश्यकता होती है और वो भी करंट अकाउंट होना चाहिए क्यूंकि हमें ऐसा बैंक खाता चाहिए होता है जिसमें जितनी बार मर्जी लेन देन किया जा सके। बचत खाता …

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