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प्राकृतिक खेती के प्रवर्तक डॉ हरिओम

फोटो में जिन श्वेतधवल वस्त्रधारी सात्विक ऊर्जा पुंजों के दर्शन कर पा रहे हैं उनके सांसारिक नाम डॉ हरिओम और माता बिमलेश जी है। डॉ हरिओम जी से मेरा परिचय साल 2007 से है लेकिन… प्राकृतिक खेती के प्रवर्तक डॉ हरिओम

बोतलबंद पानी बनाने वाले प्रतिष्ठित ब्रांड ने अपनी गलती सुधारी

महाबली प्रोफेसर सम्राट घोष जी मेरे परम मित्र हैं और वर्तमान में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च मोहाली में सेवारत हैं। बिना धुयें के ग्रीन पटाखे बनाने का महान आविष्कार भी इन्होंने किया… बोतलबंद पानी बनाने वाले प्रतिष्ठित ब्रांड ने अपनी गलती सुधारी

किचेन से क्रान्ति करने वाली हंसालिम कंज्यूमर कोआपरेटिव की कहानी

हमारे देश में औद्योगिक नीतियों के चलते जो उथलपुल हुई है उसमें से एक है देश की खेती किसानी का जहरीली होकर अस्थिर हो जाना जिसकी वजह से कृषि और पशुधन जो हमारा बेस था… किचेन से क्रान्ति करने वाली हंसालिम कंज्यूमर कोआपरेटिव की कहानी

समस्या में से समाधान खोजने वाले सरदार राजेंद्र सिंघ जी इंदौर वाले

महाबली सरदार राजेंद्र सिंघ जी इंदौर के आउट स्कर्ट्स में एक पिंड में रहते हैं और केंद्र सरकार की नौकरी से स्वेच्छा से सेवानिवृति लेकर अब अपने फ़ार्म पर परिवार के साथ रहते हैं।सारा दिन… समस्या में से समाधान खोजने वाले सरदार राजेंद्र सिंघ जी इंदौर वाले

एग्रीमार्केटिंग के चैलेंजस और संभावनाएं

आज सुबह सुबह डॉ देवेन्द्र शर्मा जी से फोनपर बात हुई और उन्होंने बताया कि वे रांची में हैं और एक बड़ी गोष्ठी में अपनी बात रखने आये हैं और साथ ही में टमाटर से… एग्रीमार्केटिंग के चैलेंजस और संभावनाएं

लाला हरदेव सहाय की पुस्तक गाय ही क्यों आज भी है प्रासंगिक और 19 जुलाई 2023 को दिल्ली में पुन:प्रकाशन का होगा लोकार्पण

एक लाला राजकुमार अग्रवाल जी हैं जो जींद में रहते हैं मेरी उनसे कभी आमने सामने मुलाकात नहीं हुई हैं लेकिन मैं उनसे स्वर्गीय लाला हरदेव सहाय जी के माध्यम से जुड़ा हूँ। आप में… लाला हरदेव सहाय की पुस्तक गाय ही क्यों आज भी है प्रासंगिक और 19 जुलाई 2023 को दिल्ली में पुन:प्रकाशन का होगा लोकार्पण

फसल अवशेष प्रबंधन के लिए सही मशीने कैसी होनी चाहियें 

किसान सुरेंद्र सिहाग जी जागृत कृषि ऋषि हैं और इनका पिंड ढींगावाली है जो पंजाब के अबोहर टाउन से लगभग 28 किलोमीटर दूर है। अपने परिवार की कुल लगभग 115 एकड़ भूमि पर सन 1992… फसल अवशेष प्रबंधन के लिए सही मशीने कैसी होनी चाहियें 

सीड जर्मिनेशन टेस्ट का सांस्कृतिक रूप है हरेला पर्व

साल 2001 से 2004 तक मेरी पोस्टिंग उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में रही जहाँ मेरा काम आम जन द्वारा किये जा रहे आविष्कारों और परम्परागत ज्ञान के सर्वश्रेष्ठ उदहारणों को ढूंढ कर उन्हें सीख कर… सीड जर्मिनेशन टेस्ट का सांस्कृतिक रूप है हरेला पर्व

ग्रीनहाउस गैसेस के नाम पर काटी जा रही हैं खेती किसानी के जड़ें

खबर आयरलैंड से डेवेलोप हो रही हैं जहाँ किसान सड़कों पर अपने ट्रैक्टर्स आदि लेकर आये हैं और आयरिश सरकार के एक फरमान का विरोध जता रहे हैं जिसके तहत ग्रीनहाउस गैसेस का हवाला देकर… ग्रीनहाउस गैसेस के नाम पर काटी जा रही हैं खेती किसानी के जड़ें

राजपाल माखनी और जीवन शैली के सीक्रेटस

इस जगत में सबसे ज्यादा ध्यान रखने वाली यदि कोई चीज है तो वो है हमारा शरीर लेकिन मैं खुद ही इसका ध्यान नहीं रख पाया हूँ इस बात कि समझ मुझे सरदार राजपाल माखनी… राजपाल माखनी और जीवन शैली के सीक्रेटस

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