करवा चौथ 2025

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तारीख: 10 अक्टूबर 2025, शुक्रवार

शुभ मुहूर्त:

  • पूजा का समय: शाम 5:45 से 6:55 बजे तक
  • चंद्र दर्शन: रात 8:15 बजे

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का

  • आरंभ: 09 अक्टूबर को देर रात 10 बजकर 54 मिनट पर।
  • समापन: 10 अक्टूबर को शाम 07 बजकर 38 मिनट पर।

व्रत खोलने की विधि:

  1. चंद्रमा को अर्घ्य दें: सबसे पहले, चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए एक थाली में दीपक, रोली, चावल, और जल तैयार करें। चंद्रमा को अर्घ्य देते समय “ॐ सोम् सोमाय नमः” मंत्र का जाप करें।
  2. पति के हाथ से जल ग्रहण करें: चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद, अपने पति के हाथ से जल ग्रहण करके व्रत खोलें।
  3. मिठाई या फल खाएं: जल ग्रहण करने के बाद, अपने पति से मिठाई या फल लेकर खाएं।
  4. पूजा करें: व्रत खोलने से पहले, करवा माता की पूजा करें और उन्हें भोग लगाएं।
  5. व्रत का पारण करें: व्रत खोलने के बाद, अपने पति के साथ भोजन करें और व्रत का पारण करें।

करवाचौथ के नियम

करवाचौथ विवाहित महिलाओं द्वारा पति की लम्बी उम्र की कामना के लिए रखा जानेवाला व्रत है।
कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ का व्रत करने का विधान है। इस व्रत की शुरुआत सरगी से होती है। इस व्रत में पूरे दिन निर्जला रहा जाता है। व्रत में पूरा श्रृंगार किया जाता है। महिलाएं दोपहर में या शाम को कथा सुनती हैं। इस व्रत के नियम काफी कठिन होते हैं। आइए जानते हैं व्रत में किन चीजों का बारीकी से ध्यान रखना जरूरी है।

  1. करवाचौथ पर 16 श्रृंगार करने का विधान है। इस दिन अपने सुहाग और श्रृंगार का सामान किसी दूसरी महिला को देने की गलती न करें। आप चाहें तो सुहाग की नई चीजें किसी को दान कर सकती है, जिससे पुण्य मिलता है।
  2. सास की दी गई सरगी करवा चौथ पर शुभ मानी जाती है। व्रत शुरू होने से पहले सास अपनी बहू को कुछ मिठाइयाँ, कपड़े और श्रृंगार का सामान देती है। सरगी का भोजन करें और भगवान की पूजा करके निर्जला व्रत का संकल्प लें।
  3. पूजा-पाठ में भूरे और काले रंग को शुभ नहीं माना जाता है। हो सके तो इस दिन लाल रंग के कपड़े ही पहनें क्योंकि लाल रंग प्यार का प्रतीक माना जाता है। आप चाहें तो पीले वस्त्र भी पहन सकते हैं।
  4. खुद न सोने के अलावा इस दिन महिलाओं को घर के किसी भी सोते हुए सदस्य के उठाना नहीं चाहिए। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार करवा चौथ के दिन किसी सोते हुए व्यक्ति को नींद से उठाना अशुभ होता है।
  5. व्रत करने वाली महिलाओं को अपनी वाणी पर नियन्त्रण रखना चाहिए। महिलाओं को घर में किसी बड़े का अपमान नहीं करना चाहिए। शास्त्रों में कहा गया है कि करवा चौथ के दिन पत्नी को पति से बिल्कुल झगड़ा नहीं करना चाहिए।
  6. करवाचौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं को नुकीली चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। सुई-धागे का काम न करें। कढ़ाई, सिलाई या बटन लगाने का काम आज के दिन नही करें तो अच्छा है।
  7. करवाचौथ के दिन देर तक न सोएं, क्योंकि व्रत की शुरुआत सूर्योदय के साथ ही हो जाती है। दिन के समय भी नींद लेने से बचें। स्नान के बाद पूजा करें, कथा सुनें और शाम के वक्त चांद देखने के बाद भोजन ग्रहण करें।
  8. करवाचौथ का व्रत केवल सुहागिन या ऐसी महिलाएँ ही कर सकती हैं जिनका रिश्ता हो गया है। पति या मंगेतर के लिए किया गया व्रत बेहद फलदायी माना जाता है।

जय जय श्री राधे
श्रीजी की चरण सेवा

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