रसूख क्या होता है जीवन में इसके क्या मायने होते हैं।

सुनीत धवन मेरा बहुत पुराना साथी है और एक सही मायनों में पत्रकार है जिसने सच्ची पत्रकारिता से अपनी पहचान स्थापित की है और एक ऐसा प्रभाव कायम किया है जिसे देख कर लगता है कि पत्रकारिता भी एक सम्मानजनक कैरियर है। दीपावली की छुट्टियों में मेरा रोहतक आना हुआ और हम सारे भाई इक्कठे हो गए। इधर उधर की कई बातों के बाद अचानक रसूख शब्द पर बातें होने लगी तो सुनीत भाई ने रोहतक मेडिकल कॉलेज के एक …

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दीपावली पटाखे और दीपावली मनाने वाले और इनके नाम पर रोने वालों की दवाई

शोर शराबे धुएं और प्रदूषण का रौला रप्पा 2021 की दीपावली बीत गयी है और तमाम कोर्ट कचहरियों के बैन और पर्यावरणविदों की मार्मिक अपीलों के बावजूद दीपावली मनाने वालों ने दीपमाला करने के बाद ठीक ठाक मात्रा में पटाखे छोड़े और आज सुबह गलियां कूड़े से और आसमान स्मॉग से भरा पड़ा है। दीपावली और पटाखों का क्या कनेक्शन है इसका कोई शास्त्रीय प्रमाण ढूंढने जाएंगे तो नही मिलेगा। फिर ये पटाखे चलाने जा रिवाज़ कैसे विकसित हुआ और …

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पुणे के राहुल पाठक बना रहे हैं बिना बिजली के चलने वाला पोर्टेबल वाटर फ़िल्टर

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पोर्टेबल वाटर फ़िल्टर बनाने वाले ये श्रीमान राहिल पाठक जी हैं जो पुणे, महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। राहुल बताते हैं कि जब पुणे में मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था, तब मुझे समझ आया कि तार्किक ढंग से प्रयोग के जरिये ही मैं अनेकों समस्याओं का हल निकाल सकता हूँ जिससे मैं अपने भविष्य का निर्माण करने के साथ साथ अनेकों लोगों का जीवन भी आसान कर सकता हूँ। साल 1993 में मैंने अपनी पढ़ाई बीच में ही …

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आखिर मोदीजी नये कृषि कानूनों को वापिस क्यों नही ले रहे ?

देश में किसान आन्दोलन को लगभग एक वर्ष होने को आया है जिसमें किसानों के प्रतिनिधि कई दौर की बैठकें सरकार के साथ कर चुके हैं और जिनका कोई नतीजा नही निकला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इन कानूनों को वापिस लेने को तैयार नही हैं और उनका अड़ियल रुख देशवासियों के सामने एक सवाल बना हुआ है। इस लेख में मैं कुछ हाल फिलहाल में प्राप्त आंकड़ों के एनालिसिस के द्वारा यह समझने का प्रयास करूंगा कि ऐसी कौन …

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Daily Income Model in Agriculture by Farmer Suresh Goyal

Introduction Suresh Goyal is 61 years old farmer; he was a transporter at Mumbai and started agriculture at the age of 50 years and developed a Daily Income Model in agriculture. He says I do not keep all eggs in one basket, means I don’t rely on monoculture and I follow crop diversification at highest level and sell my produce in vicinity of 7 kilometres of my farm. He says there are 50000 people live in 7 kilometre circle of …

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दमा के रोगी ध्यान दें काइंडली प्लीज

नमस्कार , मेरे एक अजीज सीनियर साथी हैं श्रीमान वैधराज पुष्कर वीर सिंह भाटिया जी, जो हर वर्ष अपने आयुर्वेदिक प्रतिष्ठान धर्मायु आयुर्वेद डेराबस्सी पंजाब भारत से वर्ष में एक बार शरद पूर्णिमा को सेवन की जाने वाली दमे की अचूक दवा जिसके सेवन से व्यक्ति एकबार में ही दमे के रोग से मुक्त हो जाता है का वितरण करेंगे। दवा को हर वर्ष पहले से ही प्राचीन शास्त्रीय विधियों के द्वारा उच्च गुणवत्ता के मानकों की कसौटी पर रसशाला …

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मरना परना अते किसान कारीगर ते समाज

भूमिका बात साल 2004 की है तब दिल्ली में मैं सरदार मोहिंदर सिंह ग्रेवाल जो भारत सरकार के कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कास्ट्स एंड प्राईसेज में बतौर फार्मर मेम्बर सेवाएँ दे रहे थे के साथ बतौर गेस्ट उनके सरकारी रेसिडेंस पर रहा करता था। मैं उनके लिखने पढने के काम में उन्हें थोड़ा बहुत सहयोग भी कर दिया करता था और इसी बहाने मुझे खेती किसानी के मसलों पर उनके जीवन के निचोड़ भी सीधे सीखने को मिल जाया करते थे। …

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95 वर्षीय हरभजन कौर दी एंटरप्रेन्योरशिप

यह तस्वीर 95 वर्षिय हरभजन कौर की है। अमृतसर के नज़दीक तरनतारन में जन्‍मी हरभजन कौर शादी के बाद अमृतसर, लुधियाना में रही और करीब दस साल पहले पति की मौत के बाद वे कुछ समय से अपनी बेटी रवीना के साथ चंडीगढ़ में रहने लगी। रवीना जानती थी के माँ का जीवन अपने आखरी पड़ाव पर है। एक शाम भावुक हुई रवीना ने सामने बैठी माँ से पूछा ” ज़िंदगी में मलाल तो नहीं न है आपको, कोई चाहत …

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भव रोगों से मुक्ति का उपाय

आत्मनिरीक्षण करना अर्ताथ अर्जित विवेक के प्रकाश में अपने दोषों को देखना, मोटी बात यह है कि हमें अपनी कमियों का ठीक ठाक अंदाजा होता है। हमें अच्छे से पता होता है कि हम कहाँ गडबड कर बैठते हैं। यदि हम बस आत्मनिरीक्षण करना सीख जाएँ और बस अपने आप से बातें करने लग जाएँ तो हम अपनी कमियों को दूर करने की ओर आपने आप अग्रसर होने लगते हैं। यह काम बिलकुल भी मुश्किल नही है बीएस शुरू करने …

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महाराजा रणजीत सिंह का अंतिम संस्कार

महाराजा का देहावसान महाराजा रणजीत सिंह जी को अधरंग हुआ था और वे 27 जून 1839 को स्वर्ग सिधार गये। उनका अंतिम संस्कार 28 जून 1839 को लाहौर में हुआ था। उनकी चार रानियाँ और सात दासियाँ महाराजा के मृत शरीर के साथ चिता पर सती हुई थी। महाराजा रणजीत सिंह जी का राज भारत में खालसा राज के रूप में सर्वमान्य है। सिख गुरुओं ने हमेशा सती प्रथा का विरोध ही किया है सभी गुरुओं ने इसके बारे में …

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