गोविन्द भाई ढोलकिया की समझदारी

परमात्मा के दिए हुए इस जीवन में अपने गुजारे लायक धन कमाना तो सभी सीख जाते हैं लेकिन उस धन का करना क्या है। यह बात हर किसी की समझ में नहीं आती है मेरे मित्र सुनीत धवन जी प्रिंसिपल कोरेस्पोंडेंट The Tribune रोहतक फरमाते हैं कि धन की बस तीन ही गतियाँ होती होती हैं : अधिक जानकारी के लिए कॉल करें Direct Chat on WhatsApp 1.दान 2.भोग और 3.नाश अपने हाथों से दान कर दिया जाए तो दी …

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उकडू और फूंक वाली रेसिपी

kamal jeet

एक बार कि बात है भाई रामफल के करडा जुखाम हो गया और घर पे ही कढी काढी सुर्ड़क के ठीक करने की कोशिश की। लेकिन गरम सर्द आली सिचुएशन बन गयी घर से पैसे लेकर रामफल सरकारी हस्पताल में आ लिया और कार्ड बनवा लिया। डाक्टर के बारने बैठ अपनी बारी का इंतज़ार करने लगा। डाक्टर रामफल का पुराना मेल मिलाप का आदमी था। थोड़ी देर पाछे रामफल का नम्बर आ लिया। रामफल डाक्टर के जाते ही बोल्या डॉ …

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चौंसठ कला सम्पूर्ण व्यक्तित्व कैसा होता है

सनातन संस्कृति के साहित्य में चौंसठ कला सम्पूर्ण व्यक्तित्व का जिक्र आता है। भगवान श्रीकृष्ण को चौंसठ कला सम्पूर्ण व्यक्तित्व माना जाता है। लेकिन हमें यह कहीं नहीं बताया पढ़ाया जाता है कि वो चौंसठ कलाएं कौन सी हैं। मैंने साहित्य में थोड़ी शोध करके चौंसठ कलाओं कि सूची निकाली है जिसे आपकी जानकारी हेतु प्रस्तुत किया जा रहा है। 1:- इतिहास 2:- आगम 3:- काव्य 4:- अलंकार 5:- नाटक 6:- गायकत्व 7:- कवित्व 8:- कामशास्त्र 9:- दुरोदर (द्यूत) 10:- …

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वैशाख का उधार हींग बेचने का एक यूनिक सदियों पुराना बिजनेस मॉडल

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हमारे देश में हरेक कमोडिटी के लिए एक यूनिक बिजनेस मॉडल है पिछले साल की बात है। मैं मुरादाबाद जिले के देहात में घूम रहा था। मैंने किसान अरेंद्र बर्गोटी जी के फ़ार्म जो बेलारी कसबे में है पर मैंने कैंप किया हुआ था। वहां मेरी मुलाक़ात कृषि विभाग में कार्यरत श्रीमान मोहित जी से हुई उन्होंने मुझे हींग Ferula asafoetida के पारम्परिक बिजनेस मॉडल के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि मुरादाबाद और अन्य जिलों में सावन के बाद …

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तड़का सूत्र

आज एक नये मित्र रत्न कि प्राप्ति हुई नाम है संदीप कुमार जी जो मनीमाजरा चंडीगढ़ स्थित कैनरा बैंक के रीजनल ऑफिस में डिविजनल मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। आज हम दोनों की अपने अपने कार्यालय की तरफ से हरियाणा सरकार के एक बड़े अधिकारी को यमुनानगर में सहगल बेकर्स के सीईओ श्रीमान विकास सहगल जी से तकनीकी वार्तालाप हेतु असिस्ट करना था और आज सुबह साढ़े आठ बजे से शाम छह बजे तक साथ रह कर एक दूसरे …

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डॉ नरेश बैंसला ने अपनी वैज्ञानिक समझ से सनातन संस्कृति के पौराणिक संदर्भों को समझाया

dr. naresh bainsla at kisan sanchar office zirakpur mohali punjab

यह सवाल अक्सर हमारे मनों में गूंजता रहता है कि हमारी संस्कृति में दुर्गा माता को आदिशक्ति के रूप में कैसे माना जाता है? आज किसान संचार कार्यालय में नयी दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसन्धान संसथान के प्लांट ब्रीडिंग एंड जेनेटिक्स विभाग में कार्यरत सीनियर साइंटिस्ट डॉ नरेश बैंसला जी पधारे थे और उन्होंने चर्चा में आज बहुत सारी रोचक और वैज्ञानिक जानकारियों का खुलासा किया जो मेरे लिए तो बेहद नयी और मन में रौशनी भरने वाली थी। कुछेक …

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किसान संचार कैसे काम करता है ?

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अक्सर मेरे से यह सवाल पूछा जाता है कि किसान संचार कैसे काम करता है? मुझे इस सवाल का जवाब देने के लिए बहुत जोर लगाना पड़ता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग की ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के चैनल पर एक पुराना विडियो मौजूद है जिसे अनेक वर्ष पूर्व शायद 2018 में गाँव कनेक्शन के मुख्य रिपोर्टर अरविन्द शुक्ला जी ने किसान संचार कार्यालय जीरकपुर में शूट किया था और मैंने इस सवाल का जवाब तैयार रखने के लिए इसे …

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सत्संग मोड्डा एंड रोहतकी

एक बार की बात है एक रोहतकी किसी के बहकावे में आ कर सत्संग टाइप प्रोग्राम में चला गया और उस दिन मौसम ठीक था और भाई कहीं से पार्टी शार्टी करके आया था। इधर भाई का मूड जरा चसा हुआ था और इधर मोड्डे ने अपनी स्वर लहरियों और लाईटों शाईटों से पूरा माहौल बना के सतसंग सुनाने लग रहा था अचानक मोड्डा अपनी जनरल रूटीन में बोल्या अक दारु शराब पीने वाले सब के सब बिना गिने और …

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मकड़ी की समझदारी

जंगली मकडी में मेरा कभी कोई ख़ास वास्ता नहीं रहा है क्यूंकि शहरों में ही पला बढ़ा हूँ हमारे घरों में वो लम्बी पतली टांगों वाली मकड़ियां हुआ करती थी जिनके जाले उतारने के लिए हमारे घरों में एक लम्बा पतला बांस का डंडा हुआ करता था और साल में एक दो बार जाले उतारने का अभियान मेरे कौतुहल का विषय हुआ करता था। जीरकपुर में रहने के दौरान मकड़ी कि समझदारी से मेरा परिचय हुआ। बात सन 2017 की …

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पंडित जी का मुहूर्त और आज के दौर में महत्व

आजकल बात बात पर ब्राह्मणों / पण्डितों को कोसना बेहद आनंददायक और फेवरेट कार्य है। कई बार मुझे पढ़ने को मिलता है कि हम तो कोई मुहूर्त महारात नही निकलवाते किसी पंडित वण्डित से। सब पाखण्ड ही तो होता है। सब बकवास है। पिछड़ेपन का इंडिक्टर ही तो है पंडित से मुहूर्त पूछना। आज हम सभी एक नए दौर में जी रहे हैं जहां फैमिली के नाम पर बस मां बाप और एक आधा बालक या बालिका होते हैं। समय …

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