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जब टोटा मेरे बहुत काम आया

कमलजीत और दिनेश भाटिया
दिनेश भाटिया और कमल जीत हिमाचल यात्रा अगस्त 2017

बात चार साल पुरानी है जब साल 2017 में हम एप्पल प्रोजेक्ट में हिमाचल में काम कर रहे थे और हिमाचल के बहुत अंदरूनी हिस्सों में पहली बार घूम कर सेब के किसानों से मिल रहे थे।

अगस्त महीने की तारीख रात में जीरकपुर से चल कर नारकंडा पहुंचे और जा कर एक बड़े मुश्किल से नाम वाले होटल Tethys Resorts में कमरा ले लिया।

देर रात पहुंचे थे तो रिसेप्शन का स्टाफ छुट्टी कर चुका था और पूरा रिसोर्ट वेटर्स के हवाले था , किराए की बातचीत किये बिना ही टिक गये, होटल में लाइट नही थी और पूरे होटल में नमी थी बस कैसे तैसे रात काटी थके हुए थे और जो मिला वो मोम्बतियों की रौशनी में खा पी कर सो गये

सुबह जब हिसाब करने गये तो पांच हज़ार प्रति रूम के किराये के हिसाब से तीन कमरों का पंद्रह हज़ार का पूरा चक्कू बिठा दिया मुश्किल नाम वाले होटेल वाले भाइयों ने।

बिल देख कर मुझे तो पसीने आये लेकिन शुक्र है परमात्मा का की तीन कम्पनियां हमारे पीछे पीछे खडी थी सो हम तीनों ने पांच पांच हज़ार दे कर जान छुटा ली |

खैर बड़े तमीज से पांच हज़ार वाला बिल जिस पर बड़ा बड़ा हमारी कम्पनी का GST नंबर उकेरा हुआ था हमें एक शानदार लिफ़ाफ़े में डाल कर पकड़ा दिया जिसे हमने दोनों हाथों से रिसीव करके बड़े ध्यान से संभाल कर रख लिया |

अगली रात हम गुम्मा में रुके और होटल वाला सुबह मिला जो कि काला धन प्रेमी निकला और बिना हमसे GST नंबर पूछे हस्तलिखित बिल काट कर पकड़ा रहा था तो मैंने ऑब्जेक्शन मिलार्ड बोल दिया |

मैंने जब कड़ाई से ग्रीडी डॉग सुनानी शुरू की तो उसने थ्रिस्टी क्रो सुनानी शुरू कर दी जिसके चलते कई सारे लोग रिसेप्शन पर इक्कठे हो गए |

उसे हमारे जैसे लोगों को टैकल करने का लम्बा अनुभव था सो उसने तुरंत एक पैंतरा चला और जोर से कहा , आ जाते हैं पंद्रह सौ के कमरे में रुकने वाले कहाँ कहाँ से और आ कर हमें कानून पढ़ाते हैं |

मुझे तुरंत वो पांच हज़ार वाला चक्कू याद आ गया और मैंने अमित भाई से कहा के जा वो कल रात वाला बिल काढ के ला और इसे हमारी औकात बता |

अमित भाई एक मिनट में काढ के ले आया और मैंने सभी मौजूद लोगों को वो बिल दिखाया जिस पर बड़े मोटे अक्षरों में हमारा GST नंबर उकेरा हुआ था और लिखा था एक रात रुकने का किराया पांच हज़ार |

कम से कम दस गेस्ट उस गैलरी में मौजूद थे, मेनेजर की शक्ल देखने लायक थी और फिर उसने हमारे को असली वाली बिल बुक में से पक्का GST वाला बिल काट कर दिया।

उसकी यह हरकत देख कर अन्य गेस्ट भी उसके चिपट गए और उसको सभी के पक्के बिल काटने पड़े।

मैं जब गुम्मा से रवाना हुआ तो अमित भाई ड्राइव कर रहे थे और दिनेश भाटिया मेरे साथ बैठे थे तो मेरे मन यह शब्द उभरे और मैंने साथ के साथ बोल भी दिए ” भाई आज तो ये टोटा म्हारे भोत काम आया “

आज भी हम इन शब्दों को याद करके हंस लेते हैं और यदि कोई चक्कू बिठा दे और हमारा जोर भी ना चले तो तो यह सोच कर सबर कर लेते हैं न जाने कल फिर कोई काम आ जाये यह टोटा।

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